18 अक्टूबर 1984 की सुबह इंदिरा गांधी पर उनके ही दो बॉडीगार्ड्स के द्वारा 30 गोलियां चलाकर हत्या कर दी जाती है पर क्यों ?
दरअसल दोस्तों यह बात है 5 जून 1984 की जब इंदिरा गांधी ने ऑपरेशन ब्लू स्टार शुरू किया था जिसके तहत जब पंजाब में सिख आतंकवाद अपने चरम पर था
जिसका नेतृत्व जरनैल सिंह भिंडरावाले कर रहा था वह भी पंजाब के अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के अंदर बैठकर
तब इंदिरा गांधी ने इस आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार के तहत आर्मी की मदद से भिंडरावाला को मार गिराया
लेकिन इस ऑपरेशन के दौरान भिंडरावाले के अलावा कई सिखों की भी मौत हो गई और इस ऑपरेशन के समय स्वर्ण मंदिर को भी काफी ज्यादा नुकसान हुआ
जिससे कि एक बड़ा सिख संप्रदाय इंदिरा गांधी से नाराज हो गया और काफी ज्यादा गुस्से में आ गया और इसी गुस्से के चलते और इसका बदला लेने के लिए उन्होंने इंदिरा गांधी को मारने की योजना बनाई
और जब इंदिरा गांधी अपनी एक मीटिंग के लिए जा रही थी तब उन पर उनके ही बॉडीगार्ड बेअंत सिंह ने चार गोलियां चला दी इसके बाद सतवंत सिंह ने अपनी
स्टैंडगन से इंदिरा गांधी पर 25 राउंड फायर किए बाद में दोनों ने सरेंडर कर दिया जिससे कि इंदिरा गांधी की मौके पर ही मौत हो गई |