10 अप्रैल 1912 को दुनिया का सबसे बड़ा जहाज अपनी पहली यात्रा के लिए निकलता है लेकिन यात्रा शुरू होने के केवल 4 दिन बाद ही

14 अप्रैल 1912 को रात के लगभग 11:40 पर यह जहाज एक आईसबर्ग ( हिमखंड ) से टकरा जाता है और हिमखंड से टकराने के बाद इस जहाज में एक होल ( छेद ) हो जाता है

जिसके जरिये पानी बहुत तेजी से इस शिप के अंदर भरने लगता है जिसके बाद इस जहाज के अंदर जितनी भी मोटर थी उन सभी को ऑन ( चालू ) किया जाता है

और पानी को बाहर निकालना की कोशिश की जाती है लेकिन जिस रफ्तार से पानी जहाज के अंदर भर रहा था उस रफ्तार से पानी बाहर नहीं निकाल पाया

और 14 अप्रैल 1912 की रात को यह जहाज 2:20 पर पुरी तरह से अटलांटिक महासागर में डूब जाता है जिसमें 1517 से ज्यादा लोगों की जान चली जाती |

और टाइटैनिक शिप का पहला सफर उसका आखरी सफर बन जाता है जिसके 70 साल बाद 1985 को टाइटैनिक जहाज के मलबे को रॉबर्ट बैलार्ड  और उनकी टीम ने खोजा था |