दोस्तों 3 अगस्त 2023 को एक व्यक्ति के द्वारा अपनी खुद की ही पत्नी और अपनी साली की बेरहमी से उसकी सलवार के द्वारा गला घोटकर हत्या कर दी जाती है अपने मामा की लड़की के साथ अवैध संबंध होने के कारण इसके बाद जब पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच की तो ऐसे ऐसे खुलासे हुए जिन्होंने बहन भाई के रिश्ते को पूरी तरह से ही झंझोर ही रख दिया तो चलिए आज कि इस मजेदार पोस्ट में जानते हैं एक दिल दहलाने वाली घटना के बारे में जिसमें व्यक्ति ने अपने मामा की लड़की से बनाए अवैध संबंध नमस्कार दोस्तों मैं हूं विकास राजपूत |
Note
कृपया ध्यान दें कि ये कहानी बिल्कुल असली घटना पर आधारित है इस कहानी में बताई गई है हर एक बात रियल घटना पर आधारित है बस इस कहानी के पात्रों के नाम कुछ हद तक बदल दिए गए हैं इस कहानी का मकसद किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है।
कहानी की शुरुआत
दोस्तों हमारी इस कहानी की शुरुआत बरेली शहर की एक छोटे से गांव भाऊवापुर से होती है जहां पर एक खजनलाला नामक किसान रहता था जो कि अपनी पूरी फैमिली के साथ ही वही रहता था और उसके सबसे छोटे बेटे का नाम बाबूराव था दोस्तों ये फैमिली एक साधारण फैमिली थी और बाबूराम के मामा का घर बाबूराम के गांव की काफी करीब ही था बाबूराम के मामा का गांव इसी शहर के ढाका गांव था और इसी वजह से बाबूराव का अक्षर अपने मां के घर पर जाना लगा रहता था।
बाबूराम को हुआ अपने मां की लड़की से प्यार
दोस्तों ऐसे ही धीरे-धीरे समय गुजरता है और समय के साथ ही अब बाबूराव और उसकी मामा की लड़की गीता भी बड़ी होने लगती है हालांकि दोस्तों ये दोनों ही बचपन से साथ साथ ही बड़े हुए थे और इसीलिए दोनों एक दूसरे से काफी ज्यादा जुड़े हुए थे और बाबूराव की नीलम से खूब पट्टती थी और दोस्तों उनके बीच काफी प्यार था और जब बाबूराव बड़ा हुआ तो उसकी नजर नीलम पर अटकने लगी.
और वह उसकी खूबसूरती में फंसने लगा और वह मन ही मन नीलम से प्यार करने लगा और नीलम के बारे में गलत सोचने लगता है और दोस्तों ऐसा काफी दिनों तक चलता है और बाबूराम के मन में गीता के लिए गलत भावनाएं और भी ज्यादा बढ़ने लगती है और दोस्तों वहीं दूसरी तरफ गीता भी मन ही मन बाबूराव को पसंद करने लगी और वो भी उससे प्यार करने लगी.
हालांकि दोस्तों बाबूराव ने अपने आप को और अपने दिल को समझने की बहुत ज्यादा कोशिश की ताकि उनका भाई-बहन का रिश्ता बना रहे और उसने अपने आप को भाई-बहन के रिश्ते की दुहाई दी लेकिन उसका दिल नहीं माना और वह गीता के प्यार में बकता ही चला गया |
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बाबूराम ने नीलम को बताई दिल की बात
दोस्तों जब सब कुछ सही चल ही रहा था तभी एक दिन बाबूराम नेहा को अपने दिल की बात हिम्मत करके बात ही देता है और और वो गीता को बोलता है कि मैं तुमसे प्यार करने लगा और मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं क्या तुम भी मुझसे शादी करना चाहोगी दोस्तों ये बात सुनकर नेहा के पैरों के नीचे से जमीन निकल गई और उसने बाबूराम को समझने की कोशिश की की देखो हमारा भाई बहन का रिश्ता है.
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इसीलिए हम चाहते हुए भी एक नहीं हो सकते हैं दुनिया वाले क्या कहेंगे लेकिन दोस्तों इस बात पर बाबूराम कहता है कि तुम दुनिया की परवाह मत करो सबको मैं देख लूंगा बस तुम हां कर दो लेकिन दोस्तों उस समय गीता बाबूराम को मना कर देती है और कहती है कि हमारा भाई बहन का रिश्ता है और भाई बहन का ही रहने दो लेकिन दोस्तों गीता भी मन ही बाबुराम से प्यार करती थी इसीलिए बाबूराम ने कहा कि तुम जल्दीबाजी में फैसला मत लो मैं कल सुबह अपने गांव के लिए निकल रहा हूं.
लेकिन तुम्हारे सामने पूरी रात पड़ी है तुम पूरी रातभर इस बात के बारे में सोचना और तुम्हारा क्या जवाब होता है वो मुझे बताना और मैं आशा करता हूं कि तुम्हारा जवाब मेरे पक्ष में ही होगा और दोस्तों ये बात सुनकर गीता भी पूरी रात भर बाबूराम के बारे में सोचती है क्योंकि वो भी बाबूराम से प्यार करने लगी थी और पूरी रात भर उसके कानो में बाबूराव के द्वारा बताए गए शब्द गूंज रहे थे और दोस्तों अगली ही सुबह गीता के लिए एक नई सुबह होने वाली थी क्योंकि अगली सुबह गीता बाबूराम को हां कहने का फैसला लेती है।
गीता ने कही हां और भाई बहन के बीच बने अवैध संबंध
दोस्तों जैसे ही अगली सुबह होती है तो बाबूराम गीता को एक कमरे में बुलाता है और वहां पर वो गीता से अपने जवाब के बारे में पूछता है और उस समय गीता भी उसे शर्माकर हाँ कह देती है जिससे की बाबूराम अपना आपा खो देता है और वो गीता को अपनी बाहों में भर लेता है जिससे की गीता उससे कहती है कि सबर रखो तब रामबाबू से कहता है कि तुमने मुझे हां कर दी यही मेरे लिए बहुत बड़ी बात है ये मेरे लिए बहुत खुशी की बात है.
इसलिए मैं अपने आप को संभाल नहीं पा रहा हूं लेकिन दोस्तों उसी समय गीता उससे कहती है कि हमारा रिश्ता भाई बहन का है क्या ये दुनिया हमें एक होने देगी तब बाबूराम कहता है कि तुम इस दुनिया की फिकर मत करो सबको मैं देख लूंगा और ऐसा कहकर बाबूराम अपने गांव चला जाता है लेकिन एक या दो दिन के बाद ही वो वापस अपने ननिहाल पहुंच जाता है और ये दोनों ही अपने भाई बहन के रिश्ते की आड़ में अवैध संबंध रखने लगते हैं और वो काफी ज्यादा इंजॉय करने लगते हैं.
और बाबूराम भी हर दो से तीन दिन के बाद अपने ननिहाल में किसी ना किसी बहाने से जाता ही रहता था और दोस्तों ऐसे ही करीब दो 1 से 2 साल का समय गुजर जाता है और दोनों ही अपने भाई-बहन के रिश्ते की आड़ में अय्याशियां बनने लगते हैं लेकिन दोस्तों धीरे-धीरे जब ये बात बाहर आने लगी तो एक दिन अचानक पड़ोसियों से दोनों ही परिवार वालों को उन दोनों की अवैध रिश्तों के बारे में पता चल जाता है।
घरवालों को पता चला बाबूराम और गीता के अवैध रिस्ते के बारे में
दोस्तों जब ये बात बढ़ने लगी तो घर वालों को गीता और रामबाबू की अवैध रिश्तों के बारे में पता चला और दोनों ही परिवार के बड़े बुजुर्गों ने रामबाबू और गीता को साथ बिठाकर समझाया भाई बहन के रिश्ते की दुहाई दी और उन्होंने कहा कि तुम्हारा रिश्ता भाई बहन का है इसे खराब मत करो तुम बात को समझो और दोस्तों उस समय तो दोनों अपने घर वालों की बात मान लेते है और दोनों मिलने से मना कर देते हैं और वो दोनों काफी टाइम तक एक दूसरे से नहीं मिलते हैं.
और ये देखकर घरवाले सोचते हैं कि ये दोनों समझ गए है लेकिन दोस्तों इन दोनों पर प्यार का भूत सवार हो चुका था और दोनों एक दूसरे के बिना बिल्कुल भी नहीं रह सकते थे दोनों को एक दूसरे की तड़प थी इसीलिए दोस्तों वो फिर से एक दूसरे के साथ मिलने लगते हैं और फिर से दोबारा पहले जैसा ही माहौल बन जाता है और दोनों के अवैद संबंध बढ़ने लगते है लेकिन जब दोबारा उनके घर वालों को उनके अवैध संबंधों के बारे में पता चला तो उन्होंने इस बात का पुख्ता समाधान करने के लिए बाबूराम की शादी करवाने का फैसला लिया।
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घरवालों ने करवाई बाबूराम की जबरदस्ती शादी
दोस्तों जब घर वालों को बाबूराम और गीता के अवैध संबंधों के बारे में दोबारा पता चला तो उन्होंने इस समस्या का समाधान निकालने के लिए बाबूराव की शादी करवाने का फैसला लिया हालांकि बाबूराम ने शादी के लिए मना कर दिया लेकिन फिर भी घर वालों ने जबरदस्ती बाबूराम की शादी करवानी चाही लेकिन बाबूराम इस शादी से बिल्कुल भी खुश नहीं था लेकिन घरवाले बाबूराम के दिल से गीता का ख्याल निकालना चाहते थे.
इसीलिए उन्होंने बहुत ही जल्दीबाजी में बाबूराम की शादी बदायूं जिले के किशोरपुरा गांव में रहने वाले हरिभजन की बेटी निलम से करवा दी दोस्तों नीलम कम उम्र की एक सुंदर लड़की थी लेकिन बाबूराम इसे बिल्कुल भी पसंद नहीं करता था हालांकि दोनों की घर वालों ने शादी तो करवा दी लेकिन उनके के बीच कभी भी पति-पत्नी वाला रिश्ता नहीं बन पाया और बाबूराम नीलम से काफी ज्यादा नफरत करता था उसे बात-बात पर डरता था.
उसके ऊपर हर छोटी से छोटी बात में चिल्लाया करता था जिससे कि नीलम भी ये बात समझ गई की बाबूराम की शादी मुझसे जबरदस्ती हुई है बाबूराम मुझे पसंद नहीं करता है और दोस्तों ऐसे ही करीब तीन महीने गुजर जाते हैं और शादी के तीन महीनों के बाद निलम राखी बांधने के लिए अपने गांव चली जाती है और वहीं दोस्तों बाबूराम अपने और गीता के बीच निलम को एक रोड़ा मानता था और उसे किसी भी हालत में अपने और गीता के बीच से हटाना चाहता था इसीलिए वो एक प्लान है।
बाबूराम ने बनाया नीलम को रास्ते से हटाने का प्लान
दोस्तों बाबूराम नीलम को रास्ते से हटाने के लिए एक प्लान बनाता है और इस प्लान को अंजाम देने के लिए बाबुराम शादी के 3 महीने बाद यानी की 3 अगस्त 2023 को अपनी पत्नी को उसके गांव फोन करता है और कहता है कि तुम दातागंज आ जाओ मैं तुम्हें गोपालसिद्ध का प्रसिद्ध मेला दिखाना चाहता हूं और हम साथ में समय गुजारना चाहते हैं लेकिन दोस्तों नीलम आना नहीं चाहती थी क्योंकि वह बाबूराम के व्यवहार से काफी ज्यादा परेशान थी इसीलिए वह बिल्कुल भी मेला देखने नहीं आना चाहती थी.
लेकिन जब बाबूराम ने जबरदस्ती की तो नीलम को मजबूरी में मेला देखने के लिए आना पड़ा और नीलम अपनी छोटी बहन के साथ बाबूराम के द्वारा बताई गई जगह पर पहुंच जाती है और वहां पर जाकर बाबूराम का इंतजार करती है और कुछ ही देर बाद बाबूराम आ जाता है फिर वो अपनी बाइक पर नीलम और अपनी साली को अपनी बाइक पर बैठाकर मेला दिखाने के लिए ले जाने लगता है।
बाबूराम ने की गन्ने के खेत में अपनी पत्नी और साली की हत्या
दोस्तों बाबूराम अपनी पत्नी और साली को मेला दिखाने के बहाने से दातागंज से करीब 40 किलोमीटर दूर अपने मामा के गांव में ले जाने लगता है लेकिन जब नीलम ने पूछा कि तुम हमें अपने मामा के गांव क्यों ले जा रहे हो तब बाबूराम बोलता है कि मुझे मामा के गांव में कुछ काम है और इसी बहाने तुम्हारा मामा से भी मिलना हो जाएगा और दोस्तों ऐसा बोलकर वो दोनों को मामा के गांव ले जाने लगता हैं.
लेकिन वो बीच रास्ते में बाइक को रोक देता है और नीलम को दिखाता है कि ये मेरे मामा का गन्ने का खेत है चलो मैं तुम्हें अंदर से दिखा कर लाता हूं और वो अपनी साली को बाहर ही छोड़कर नीलम के साथ गन्ने के खेत के अंदर चला जाता है और जैसे ही वो गन्ने के खेत के बीच में पहुंचते हैं तो वो अपनी पत्नी की उसके ही दुपट्टे से गला घोट कर बेरहमी से हत्या कर देता है फिर वो बाहर आता है और अपनी साली को कहता है कि तुम्हारी बहन गन्ने की खेत में गिर गई है.
उसे चोट लगी है तुम जल्दी चलो उसे संभालो और दोस्तों जैसे ही उसकी साली भी गन्ने के खेत के बीच में पहुंचती है तो उसी जगह जाने के बाद वो अपनी साली की भी उसके ही दुपट्टे से गला घोट कर बेनामी से हत्या कर देता है फिर वहां से अपने मामा के गांव चला जाता है और गीता को नीलम के रास्ते की हटाने की खुशखबरी देता है।
नीलम के परिवार वालों ने की पुलिस में रिपोर्ट
दोस्तों जब नीलम और उसकी बहन काफी देर तक घर नहीं पहुंची तब नीलम की मां को उसकी काफी ज्यादा फिक्र होने लगी और उसने नीलम के पति यानी कि बाबूराम को कॉल मिलाया लेकिन बाबूराम ने कहा कि नीलम तो यहां पहुंची ही नहीं मैं भी उसका इंतजार कर रहा हूं फिर उसने नीलम के ससुराल मे फोन मिलाया लेकिन वहां पर भी उन्होंने कहा कि नीलम तो यहां पर आई ही नहीं है.
जिसके बाद दोस्तों काफी टाइम तक भी नीलम जब घर नहीं पहुंची तो उसकी मां ने पास की ही एक पुलिस थाने में इसकी गुमशुदा होने की रिपोर्ट लिखवाई और पुलिस तुरंत नीलम को ढूंढने के लिए लग गई हालांकि दोस्तों नीलम को उसके पति बाबूराम ने बुलाया था इसीलिए पुलिस का सीधा शक बाबूराम पर जाता है और पुलिस बाबूराम को ढूंढने के लिए लग जाती है लेकिन बाबूराम का कोई पता नहीं चल पाता है जिसके बाद पुलिस का शक और भी ज्यादा यकीन में बदल जाता है कि कहीं ना कहीं इस केस का संबंध बाबूराम से है.
और वह तुरंत बाबूराम का फोन ट्रेस करते हैं और 9 अगस्त 2023 को पुलिस के द्वारा एक गुप्त सूचना के तहत धोलाघाट से बाबूराम को गिरफ्तार किया जाता है और जब बाबूराम से कड़ाई से पूछताछ की जाती है तो वह अपना जुर्म कबूल करता है और वो बताता है कि कैसे उसकी मामा की बेटी के साथ अवैद संबंध है और उन्हीं अवैध संबंधों के चलते उसने नीलम और उसकी बहन की हत्या की है और वो पुलिस को जहां उसने नीलम और उसकी बहन की हत्या की है वो जगह भी बता देता है।
पुलिस पहुंची नीलम और उसकी बहन की हत्या वाली जगह
दोस्तों जब बाबूराम पुलिस को जहां उसने नीलम की और उसकी बहन की हत्या की थी वो जगह बता देता है तो पुलिस तुरंत वहां पहुंचती है और छानबीन करने लगती है और दोस्तों पुलिस को वहां पर दोनों लड़कियों की लाश मिलती है जिसके बाद पुलिस उन लाशो लांसों की पोस्टमार्टम करवाती है हालांकि दोस्तों पुलिस को ये दोनों ही लाश कंकाल हालत में मिली थी क्योंकि नीलम के पति को पकड़ने में पुलिस को करीब 3 से 4 सप्ताह का समय लग गया था या उससे ज्यादा भी लग गया होगा.
हालांकि दोस्तों पुलिस ने तुरंत लाशों का पोस्टमार्टम करवाया और लाशों को तुरंत उनके घर वालों को सौंप दिया गया और आज बाबुराम नीलाम और उसकी बहन की हत्या के मामले में आईपीसी की धारा नंबर 302 और 201 के तहत जेल में सजा काट रहा है आपका इस स्टोरी के बारे में क्या बोलना है नीचे कमेंट सेक्शन में जरूर बताना |
मैं विकास राजपूत आपका अपनी वेबसाइट पर स्वागत करता हूं यहां पर आपको मैं काफी ज्यादा बेहतरीन और यूनिक कंटेंट देने की कोशिश करता हूं क्योंकि मैं जिस विषय पर लिखता हूं उसकी मैं पहले बहुत ज्यादा रिसर्च करता हूं उसके बाद ही लिखता हूं इसीलिए आप मुझ पर आँख बंद करके विश्वस कर सकते है |
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