एक मिसकम्युनिकेशन और चली गई 586 से ज्यादा लोगों की जान 27 मार्च 1977 को लॉस रेडियोस एयरपोर्ट पर हुआ दुनिया का सबसे बड़ा प्लेन हादसा आपस में टकराई दो हवाई जहाज और आग की लपटों में झुलस गई 586 लोगों की जिन्दगी…..जाचं में सामने आया की ये कोई हादसा नही था बल्कि एक सोची समझी साज़िश थी जिसमे सामने आई पायलेट की बहुत बड़ी गलती तो चलिए आज की इस पोस्ट में जानते हैं कि कैसे हुआ दुनिया का सबसे बड़ा हवाई जहाज हादसा.
जिसमें 586 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गवायी और इस हादसे में सबसे बड़ी गलती किसकी थी क्या यह कोई आतंकवादी हमला था या फिर और ट्रैफिक कंट्रोल का मिसकम्युनिकेशन था या फिर पायलेट की कोई गलती थी चलिए जानते हैं |
कैसे हुआ दुनिया का सबसे बड़ा हवाई जहाज हादसा
दोस्तों इस पूरी कहानी की शुरुआत होती है 27 मार्च 1977 को जब नीदरलैंड के एम्सटर्डम एयरपोर्ट से बोइंग 747 की KLM फ्लाइट 4805 और अमेरिका के लॉस एंजिलिस एयरपोर्ट से Pan Am अमेरिकन फ्लाइट 1736 सफलतापूर्वक उड़ान भरती हैं इन दोनों ही हवाई जहाज की मंजिल एक ही थी स्पेन का लास पामोज एयरपोर्ट.
दोस्तों दोनों हवाई जहाज के उड़ान भरने के काफी समय तक तो लास पामोज एयरपोर्ट पर सब कुछ सही चल रहा था और ये दोनों ही एयरप्लेन एयर ट्रैफिक कंट्रोल से पूरी तरह से सम्पर्क में थी और सब कुछ नॉर्मल था बिलकुल सही चल रहा था |
लेकिन जैसे ही दोपहर के 1:15 मिनट होती हैं तभी लास पामोज एयरपोर्ट पर एक जोरदार धमाका होता है और एयरपोर्ट का पेसेजंर टर्मिनल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाता है और एयरपोर्ट पर अफरा-तफरी मचनी तो है लाजमी थी दरअसल यह एक आतंकवादी हमला था जो की कैनरी आयरलैंड इंडेक्स मूवमेंट नाम की एक आतंकवादी संगठन द्वारा बम ब्लास्ट किया गया था.
जिसमें आठ से ज्यादा लोग घायल हो गए और बहुत से लोगों को गंभीर चोटे भी आई और कुछ लोगों की मौत भी हुई इसके बाद एयरपोर्ट को बंद करने का फैसला लिया गया यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए और धमाके के कुछ देर बाद ही यात्रियों की सुरक्षा के लिए एयरपोर्ट को पूरी तरह से बंद कर दिया गया |
और इस एयरपोर्ट पर फ्लाइट लैंडिंग और फ्लाइट टेक ऑफ को भी पूरी तरह से रोक दिया गया और इस एयरपोर्ट पर आने वाले सभी फ्लाइट्स को लॉस रेडियोस एयरपोर्ट पर डायवर्ट कर दिया गया…
जिसकी वजह से लॉस रेडियोस एयरपोर्ट पर स्पेन के लास पामोज एयरपोर्ट की फ्लाइट आने लगी और अचानक ही लॉस रेडियोस एयरपोर्ट का ट्रैफिक बढ़ गया जिसे वहां के कर्मचारियों के द्वारा संभाल पाना काफी ज्यादा मुश्किल हो रहा था और एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम को भी इन सभी फ्लाइट से कांटेक्ट करने में काफी ज्यादा प्रॉब्लम का सामना करना पड़ रहा था
और इसी वजह से उसी दिन शाम को लास पामोज एयरपोर्ट को फिर से खोल दिया गया लॉस रेडियोस एयरपोर्ट के दबाव के चलते और इसी वजह से इस एयरपोर्ट से डाइवर्ट हुई हवाई जहाज जल्द से जल्द अपनी रियल मंजिल (Destination) पर पहुंचाना चाहती थी और इसी जल्दी के चक्कर में और ज्यादा ट्रैफिक होने की वजह से एक मिसकम्युनिकेशन (misunderstanding) हो जाता है.
जिसकी वजह से Pan Am अमेरिकन फ्लाइट 1736 और KLM फ्लाइट 4805 एक ही समय रनवे पर आ जाती हैं और दोनों में भीषण टक्कर हो जाती है यह टक्कर इतनी ज्यादा खतरनाक और भीषण थी कि चारों तरफ केवल आग की लपटें ही दिखाई दे रही थी और लाशों के टुकड़े ही दिखाई दे रहे थे
और यह धमाका आज तक हुए सभी प्लेन दुर्घटनाओं में सबसे बड़ा प्लेन हादसा माना जाता है जिसमें 586 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और बहुत से लोगों को गंभीर चोटे भी आई और इसे दुनिया का सबसे प्लेन हादसा माना जाता है क्योंकि इससे पहले इतना भयानक हादसा ना तो कभी हुआ है और ना ही शायद होगा |
कोहरे से बाहर आता हुआ दिखाई दिया एरोप्लेन
दोस्तों कुछ जांच में यह बात भी सामने आई है कि जब इन दोनों हवाई जहाज की टक्कर हुई तो उसके करीब 9 सेकंड पहले ही रनवे पर खड़ी Pan Am अमेरिकन फ्लाइट 1736 को कोहरे से बाहर निकलती हुई और अपने और आती हुई KLM फ्लाइट 4805 कि फ्लाइट दिखाई दे दी थी….
लेकिन जब तक वो कुछ कर पाते हैं तब तक बहुत ज्यादा देर हो चुकी थी और केवल एक मिसकम्युनिकेशन की वजह से ही 586 लोगों की मौत हो जाती है और दोनों ही हवाई जहाज आपस में टकरा जाती है और आग की लपटों में झुलस जाती हैं |
कैसे हुआ मिसकम्युनिकेशन (misunderstanding)
दोस्तों जब इस पूरे एयरप्लेन क्रैश की जांच की गई तो यह बात सामने आई की यह दोनों ही एयरप्लेन एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम से पूरी तरह से कांटेक्ट में थी और सब कुछ नॉर्मल था.
लेकिन जब एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम और KLM फ्लाइट का कम्युनिकेशन हुआ तो दोनों ने अपनी-अपनी बात एक साथ बोल दी जिसकी वजह से पहले से रनवे पर खड़ी Pan Am अमेरिकन फ्लाइट 1736 तक कोई भी आवाज नहीं पहुंच पाई ना ही एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम की और ना ही KLM फ्लाइट 4805 की….
जिसकी वजह से हुआ ये की KLM फ्लाइट 4805 को यह पता नहीं चल पाया की Pan Am अमेरिकन फ्लाइट 1736 भी इस रनवे पर उड़ान भरने के लिए तैयार खड़ी है और इस मिसकम्युनिकेशन की वजह से ही KLM फ्लाइट 4805 का पायलट टेक ऑफ करने के लिए अपने प्लेन को दौड़ा देता है.
पूरे प्लेन हादसे की हुई जांच और सामने आई सच्चाई
दोस्तों इस पूरे प्लेन हादसे की जब एक अमेरिकन पायलट और कॉकपिट कॉन्फिडेंशियल किताब के लेखक पैट्रिक स्मिथ ( CBS ) ने जांच की और उन्होंने एक न्यूज़ चैनल को इंटरव्यू दिया जिसमें उन्होंने बताया कि यह घटना कोई सामान्य घटना नहीं थी.
बल्कि अगर इस पूरे हवाई जहाज हादसे को देखा जाए तो यह एक सोची समझी साजिश लगती है और एक आतंकवादी हमला लगता है…….
क्योंकि पहले यह दोनों ही एरोप्लेन एक ही एयरपोर्ट पर लैंडिंग करने वाली थी यानी कि इन दोनों की मंजिल एक ही थी स्पेन का लास पामोज एयरपोर्ट लेकिन तभी इस एयरपोर्ट पर आतंकवादी हमला हो जाता है और इन सभी हवाई जहाजो को लॉस रेडियोस एयरपोर्ट पर ट्रांसफर किया जाता है |
और तभी इस लॉस रेडियोस एयरपोर्ट पर ये दोनों ही फ्लाइट आपस में आमने-सामने आ जाती हैं और फिर कोहरे का छान और इन दोनों एयरप्लेंस का आपस में टकराना और एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम का मिसकम्युनिकेशन होना…..
और एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम को KLM फ्लाइट का रनवे खाली होने का इशारा करना और पहले से इसी रनवे पर खड़ी से Pan Am अमेरिकन फ्लाइट 1736 तक KLM फ्लाइट 4805 और एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम का कोई भी संदेश नहीं पहुंचाना और मौके पर ही एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम का कम्युनिकेशन खराब होना |
ये सभी इस्तफाक इन्हीं दो एरोप्लेन के साथ होना आपस में एक सोचने वाली बात है क्योंकि उस समय एयरपोर्ट पर और भी बहुत सारी एयरप्लेन थी लेकिन उनके साथ ऐसा नहीं हुआ बल्कि इन दोनों हवाई जहाज के साथ ही ऐसा हुआ जो की एक सबसे बड़ा सवाल है ?
अगर हम इस पूरे हवाई जहाज हादसे को गौर से देखें तो हमें यह समझ में आता है कि यह एक आतंकवादी हमला था जिनका टारगेट ये दोनों हवाई जहाज थी लेकिन दोस्तों जांच में यह बात पूरी तरह से साफ नहीं हो पाई कि यह पूरा हादसा एक आतंकवादी संगठन द्वारा किया गया था या फिर एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम का मिसकम्युनिकेशन था ?
विडियो भी देखे
घटना के बाद हुए एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम के रूल में परिवर्तन
दोस्तों यह घटना एयर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए सबसे बड़ा सबक साबित साबित हुई और इस घटना के बाद बहुत सारे एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम और पायलट के वार्तालाप के बीच चेंज किए गए ताकि इतना ज्यादा खतरनाक और भयानक हादसा फिर कभी भी ना हो इस घटना के बाद सेफ्टी रेगुलेशन से लेकर फ्लाइट ऑपरेशन तक सब तरीकों में बदलाव किए गए
जिसमे सबसे बड़ा बदलाव ये किया गया कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल रूम से जो भी हवाई जहाज कम्युनिकेशन करेगा वह केवल इंग्लिश लैंग्वेज में ही करेगा बाकी किसी और लैंग्वेज में नहीं करेगा और ना ही बाकी किसी लैंग्वेज की परमिशन दी जाएगी
और पायलट ऐसे शब्दों का उपयोग नहीं करेगा जिनकी दो मीनिंग निकालती हो जैसे OK और रोजर और टेक ऑफ शब्द का उपयोग तभी किया जायेगा जब प्लेन के टेक ऑफ होने की फाइनल परमिशन मिल जाए इसके अलावा टेक ऑफ शब्द का उपयोग नहीं किया जाएगा |
निष्कर्ष
दोस्तों मैं आशा करता हूँ की आपको ये दुनिया के सबसे बड़े हवाई जहाज हादसे की कहानी जरुर पसंन्द आई होगी मैंने आपको बड़ी ही सरल भाषा में दुनिया के सबसे बड़े हवाई जहाज हादसे के बारे में बताया है की कैसे हुआ दुनिया का सबसे बड़ा हवाई जहाज हादसा और इस हादसे में किसकी गलती थी और इस हादसे का जिम्मेदार कोन था इसीलिए प्लीज इस पोस्ट को अपने दोस्तों से शेयर जरुर करे |
मैं विकास राजपूत आपका अपनी वेबसाइट पर स्वागत करता हूं यहां पर आपको मैं काफी ज्यादा बेहतरीन और यूनिक कंटेंट देने की कोशिश करता हूं क्योंकि मैं जिस विषय पर लिखता हूं उसकी मैं पहले बहुत ज्यादा रिसर्च करता हूं उसके बाद ही लिखता हूं इसीलिए आप मुझ पर आँख बंद करके विश्वस कर सकते है |
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