फांसी देने से पहले जल्लाद कान में क्या कहता है:कैसे दी जाती है फांसी की सजा,क्यों काले कपड़े से ढका जाता है चहरा

दोस्तों फांसी की सजा को दुनिया की सबसे खतरनाक और सबसे भयानक सजा माना जाता है जो की बहुत ही ज्यादा रेयर केस में और बहुत ही ज्यादा बड़े आरोप के चलते दी जाती है और आपने अक्सर फिल्मों या फिर कहीं सुना होगा की फांसी की सजा देने से पहले जल्लाद अपराधी के कान में फुस्फुसाता है और उस अपराधी व्यक्ति के चेहरे पर काला कपड़ा ढक दिया जाता है अब यहाँ पर दो सवाल उठते है पहला तो ये की अपराधी के कान में जल्लाद क्या बोलता है ?

और दूसरा सवाल ये उठता है की जल्लाद उस व्यक्ति के चहरे पर काला कपडा क्यों पहनाया जाता है ? बिना काला कपड़ा ढके उस व्यक्ति को फांसी की सजा क्यों नही दी जाती है तो चलिए आज की पोस्ट में जानते है इस सभी सवालों के जवाब |

फांसी की सजा

दोस्तों फांसी की सजा सबसे खतरनाख सजा मानी जाती है जो की बहुत ही रेयर केस में दी जाती है हालांकि व्यक्ति में उम्र कैद की सजा दे दी जाती है लेकिन फांसी की सजा बहुत ही कम दी जाती है और भारत में तो फांसी की सजा बहुत ही कम दी जाती है भारत में अंतिम बार फांसी की सजा साल 2020 में दी गई थी और स्वतंत्रता के बाद भारत में पहली बार शबनम नाम की महिला को फांसी की सजा दी गयी थी अपने सात परिजनों की कुल्हाड़ी से काटकर बेरहमी से हत्या कर देने के आरोप में |

फांसी की सजा देने के बाद जज पेन की निब क्यों तोड़ते हैं

आपने अक्सर फिल्मों में देखा होगा या फिर कहीं सुना होगा की फांसी की सजा देने के बाद जज उस पेन की निब को तोड़ देता है पर क्यों,

तो ऐसा इसीलिए है क्योंकि यह वही पेन होता है जो कि अपराधी व्यक्ति की मौत का फैसला लेता है इसीलिए जज उस व्यक्ति की जिंदगी के साथ उसे पेन को भी हमेशा के लिए खत्म कर देता है ताकि उस पेन से किसी दूसरे व्यक्ति को उस जज के द्वारा फांसी की सजा ना देनी पड़े और पेन की निब तोड़ने का मतलब है कि उस व्यक्ति के जीवन के साथ ही यह पेन भी खत्म हो गया है |

फांसी पर लटकाने से पहले अपराधी के साथ क्या किया जाता है

दोस्तों जब किसी व्यक्ति को फांसी की सजा दी जाती है तो उस व्यक्ति को फांसी पर लटकाने से पहले उस अपराधी व्यक्ति को पहले नहलाया जाता है उसे दूसरे कपड़े पहनाएं जाते हैं और उसकी अंतिम इच्छा भी पूछी जाती है जिसमें वह किसी से मिलना चाहे तो मिल सकता है कोई खाना खाना चाहिए खा सकता है और कोई मूवी देखना चाहे तो मूवी भी देख सकता है,

उस अपराधी की एक अंतिम इच्छा जरुर पूरी की जाती है और अंतिम इच्छा पूरी कर लेने के बाद उसे फांसी के फंदे पर ले जाया जाता है जहां पर उसकी जीवन का अंत कर दिया जाता है |

फांसी देने से पहले जल्लाद कान में क्या कहता है:कैसे दी जाती है फांसी की सजा,क्यों काले कपड़े से ढका जाता है चहरा

फांसी की सजा सुबह-सुबह 4.30 बजे ही क्यों दी जाती है 

फांसी की सजा हमेशा सुबह-सुबह ही दी जाती है यानी कि सूरज उदय होने से पहले ही फांसी की सजा दे दी जाती है ज्यादातर केस में फांसी की सजा सुबह 4:30 बजे ही दी जाती है,

क्योंकि जब किसी व्यक्ति को फांसी की सजा दी जाती है तो जेल में तनाव काफी ज्यादा बढ़ जाता है जिससे जेल के कर्मचारियों के काम में कोई रुकावट ना आये और अपराधी के परिवार वाले कोई भी और कानूनी कार्यवाही ना कर सके और जेल के कैदियों और कर्मचारियों का काम प्रभावित ना हो इसीलिए फांसी की सजा को सुबह जल्दी दिया जाता है सूरज निकलने से पहले–पहले ही,

एक कारण यह भी है की फांसी की सजा सुबह जल्दी देने से अपराधी के परिवार वालों को अपराधी का अंतिम संस्कार करने के लिए समय मिल जाता है |

फांसी देने से पहले जल्लाद कान में क्या कहता है

जब अपराधी व्यक्ति को फांसी के फंदे पर ले जाया है तो जल्लाद फांसी पर लटकाने से पहले उस अपराधी व्यक्ति के कान में कुछ फुसफुसात है पर क्या ?

फांसी की सजा देने से पहले जल्लाद उस व्यक्ति के कान में कहता है की मुझे माफ कर देना में मेरे फर्ज के आगे मजबूर हू और मुझे यह मेरे फर्ज के चलते ही तुम्हे फांसी पर लटकाना पड़ रहा है और मैं सच्चाई के साथ हू |

तुम्हारी और मेरी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है और अगर अपराधी हिन्दू होता है तो उसके कान में जल्लाद राम-राम बोलता है और अगर अपराधी मुसलमान होता है तो जल्लाद उसके कान में आखरी सलाम बोलता है फिर फांसी लगाने वाले हैडल को जोर से खीचता है और उसे व्यक्ति को तब तक फांसी पर लटकाए रखता है जब तक की उसकी मौत नही हो जाती है |

फाँसी पर लटकाने से पहले अपराधी के चेहरे को काले कपड़े से क्यों ढका जाता है 

दोस्तों जब किसी अपराधी व्यक्ति को फांसी की सजा दी जाती है तो उसे फांसी की सजा देने से पहले जल्लाद द्वारा उसके पुरे चहरे को काले कपड़े से ढक दिया जाता है पर क्यों ?

तो ऐसा इसीलिए किया जाता है क्योंकि जब किसी व्यक्ति को फांसी की सजा दी जाती है तो रस्सी के जोरदार दबाव के कारण उस व्यक्ति की जीभ और आंखें बाहर की तरफ निकल आती है और उसका चेहरा भयानक हो जाता है,

जिससे की आसपास के लोगों को वह चेहरा भूल पाना मुश्किल बन जाता है और यह भयानक द्रश्य उन्हें जिन्दगी भर याद रहता है इसीलिए उस आपराधी के चहरे पर काला कपड़ा पहनाया जाता है ताकि उसका भयानक चेहरा कोई भी ना देख पाए और फांसी की सजा को बिना किसी रुकावट के पूरा किया जा सके |

फांसी की सजा देने के बाद अपराधी के शव का क्या किया जाता है 

फांसी की सजा देने के बाद अपराधी के शव को कानून के अनुसार नीचे उतारा जाता है और फिर उसके परिवार वालों को सौंप दिया जाता है और फिर परिवार वाले उसका अंतिम संस्कार करते हैं और बाकी अगर अपराधी हिंदू है तो हिंदू धर्म के अनुसार उसका अंतिम संस्कार किया जाता है और अगर अपराधी किसी और धर्म का है तो किसी और धर्म के अनुसार उसका अंतिम संस्कार किया जाता है |

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FAQ

Ques: 1 जल्लाद फांसी देते समय क्या बोलता है?

Ans: फांसी की सजा देने से पहले जल्लाद उस व्यक्ति के कान में कहता है की मुझे माफ कर देना में मेरे फर्ज के आगे मजबूर हू और मुझे यह मेरे फर्ज के चलते ही तुम्हे फांसी पर लटकाना पड़ रहा है और मैं सच्चाई के साथ हू और अगर अपराधी हिन्दू होता है तो उसके कान में जल्लाद राम-राम बोलता है और अगर अपराधी मुसलमान होता है तो जल्लाद उसके कान में आखरी सलाम बोलता है |

Ques: 2 फांसी की सजा सुबह 4 30 बजे ही क्यों दी जाती है?

Ans: फांसी की सजा सुबह-सुबह ही दी जाती है क्योंकि जब फांसी की सजा दी जाती है तो जेल में तनाव काफ़ी ज्यादा बढ़ जाता है जिससे जेल के कर्मचारियों के काम में कोई रुकावट ना आये और अपराधी के परिवार वाले कोई भी और कानूनी कार्यवाही ना कर सकें और जेल के कैदियों और कर्मचारियों का काम प्रभावित ना हो इसीलिए फांसी की सजा को सुबह जल्दी दिया जाता है|

Ques: 3 जब फांसी दी जाती है तो काला कपड़ा क्यों पहना जाता है?

Ans: जब अपराधी को फांसी दी जाती है तो उसे काला कपड़ा पहनाया जाता है क्योंकि रस्सी के जोरदार दबाव के कारण उस व्यक्ति की जीभ और आखें बाहर की तरफ निकल आती है और उसका चहरा भयानक हो जाता है जिससे की आसपास के लोगों को वह चेहरा भूल पाना मुश्किल बन जाता है |

Ques: 4 जज क्यों कलम की निब तोड़ते हैं?

Ans: फांसी की सजा देने के बाद जज पेन की निभ को तोड़ देता है क्योकि यह वही पेन होता है जो की उस व्यक्ति की मौत का फैसला लेता है इसीलिए जज उस व्यक्ति की जिन्दगी के साथ उस पेन को भी हमेशा के लिए ख़त्म कर देता है ताकि उस पेन से किसी दुसरे व्यक्ति को उस जज के द्वारा फांसी की सजा ना देनी पड़े और पेन की निब ताड़ने का मतलब है की उस व्यक्ति के जीवन के साथ ही ये पेन भी खत्म हो गया है |

निष्कर्ष

दोस्तों मैं आशा करता हूँ की आपको ये फांसी की सजा के बारे में जानकारी जरुर पसंद आई होगी मैंने आपको बड़ी ही सरल भाषा में फांसी की सजा के बारे में जानकरी दी है की कैसे फांसी की सजा सुबह जल्दी दी जाती है और फांसी की सजा देने से पहले जल्लाद अपराधी के कान में क्या बोलता है इसीलिए प्लीज इस पोस्ट को अपने दोस्तों से शेयर जरुर करे |

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