दोस्तों भारत रहस्यों और मान्यताओं की धरती है यहाँ हर गाँव, हर शहर, हर किले और हर मंदिर से जुड़ी कोई न कोई दास्तान सुनने को मिलती ही रहती है लेकिन इन दास्तानों में सबसे रहस्यमयी वे कहानियाँ होती हैं, जो भूत-प्रेत और आत्माओं से जुड़ी हुईं होती हैं और आज मैं( विकास राजपूत ) आपको एक ऐसे मंदिर की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसे लोग “भूतिया मंदिर” कहते हैं….ये कहानी( Haunted Temple Real Horror Story in Hindi ) महज़ ईंट-पत्थर के बने मंदिर की नहीं, बल्कि सदियों पुराने श्राप, अधूरी आत्माओं और अंधविश्वासों की है।
राजकुमारी वेदिका का श्राप
कहानी की शुरुआत
दोस्तों उत्तर भारत के एक छोटे से कस्बे के बाहरी हिस्से में घना जंगल है जहां जंगल के बीचों बीच एक प्राचीन मंदिर खंडहर की शक्ल में खड़ा है जिसके चारों और टूटे हुए खंभे, और शिलालेख इस बात का सबूत हैं कि यह मंदिर कभी बेहद भव्य रहा होगा।
दोस्तों गाँव के बुज़ुर्ग कहते हैं कि यह मंदिर करीब 400 साल से भी पुराना है और कभी यहाँ हज़ारों श्रद्धालु आया करते थे, लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि यहां सूर्यास्त के बाद यहाँ एक पत्ता भी नहीं हिलता हैं और लोग मानते हैं कि इस मंदिर में एक भयानक आत्मा का साया है, और जो भी रात को यहाँ ठहरता है, वह या तो पागल हो जाता है या फिर जिंदा नहीं लौटता है यानी कि इस मंदिर के अंदर जाने वाला व्यक्ति कभी भी दोबारा वापस लौटकर नहीं आ पाता है।
लोगों की मान्यता
दोस्तों इस की कहानी शुरू होती है लगभग 17वीं सदी से दरअसल उस समय इस इलाके में एक स्थानीय राजा का शासन था और उस राजा की बेटी राजकुमारी वेदिका बहुत ही धार्मिक प्रवृत्ति हुआ करती थी उसने भगवान शिव की आराधना के लिए जंगल के बीच ये मंदिर बनवाया था और ये मंदिर बनने के बाद हर सोमवार यहाँ भव्य पूजा होती और पूरा राज्य उस समय उत्सव सा महसूस करता था।
लेकिन कहते हैं कि मंदिर बनने के कुछ ही साल बाद राजकुमारी अचानक रहस्यमयी तरीके से गायब हो गई जिसके बाद लोग कहते हैं कि उसे किसी ने मार दिया, वही कुछ लोग कहते थे कि वह खुद भगवान में लीन होकर अदृश्य हो गई पर सच क्या था, यह कोई नहीं जान पाया?????
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इसके बाद से मंदिर में अजीबो गरीब घटनाएँ होने लगीं जैसे कि पूजा के समय अचानक दीपक बुझ जाना, रात को मंदिर से स्त्री के रोने की आवाज़ें आना, और कभी-कभी किसी लड़की की परछाई दिखाई देना… ये सब बातें धीरे-धीरे पूरे इलाके में फैल गईं और लोग इस मंदिर में जाने से डरने लगे।
सामने आई पहली भूतिया कहानी
दोस्तों इस गाँव के एक किसान रघुनाथ की कहानी सबसे ज़्यादा चर्चित है दरअसल एक बार वह आधी रात को जंगल से होकर जा रहा था लेकिन अचानक उसे लगा कि जैसे कोई उसका पीछा कर रहा है….उसने मुड़कर देखा तो सफेद साड़ी पहने एक युवती उसके पीछे-पीछे चल रही थी इसके बाद रघुनाथ ने कदम तेज़ किए, पर वह युवती भी उतनी ही तेज़ी से पीछे आने लगी।
जिसके बाद वह घबराकर सीधे मंदिर के आँगन में भाग गया लेकिन वहाँ पहुँचते ही युवती अचानक गायब हो गई, लेकिन उसी समय रघुनाथ ज़मीन पर गिर पड़ा और पूरी रात वहीं पड़ा रहा लेकिन अगले दिन लोगों ने उस मंदिर के आँगन में बेसुध पड़े हुए पाया और जब उसे होश आया, तो उसकी ज़ुबान बंद हो चुकी थी और वह ज़िंदगी भर बोल नहीं पाया जिसके बाद गाँव वाले मानते हैं कि उस दिन उसने राजकुमारी वेदिका की आत्मा देखी थी, जो आज भी मंदिर में भटक रही है।
पुजारी ने दिया गांव वालों को श्राप
और उस दिन के बाद धीरे-धीरे मंदिर पूरी तरह से सुनसान हो गया और पुजारी भी वहाँ पूजा करना बंद कर चुके थे लेकिन कहते हैं कि आखिरी पुजारी ने जाते-जाते गाँव वालों को चेतावनी दी थी—“यह मंदिर अब देवस्थान नहीं रहा इसे श्रापित कर दिया गया है। यहाँ अधूरी आत्माएँ भटक रही हैं जो भी रात को यहाँ जाएगा, उसकी आत्मा कभी शांति नहीं पाएगी” और उस दिन के बाद से ही उस मंदिर को भूतिया मंदिर कहा जाने लगा।
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लोगों ने की मंदिर का रहस्य पता लगाने की कोशिश
दोस्तों इसके बाद साल 1998 में, कुछ युवकों ने इस मंदिर के रहस्य को जानने का निश्चय किया वे कैमरा और टॉर्च लेकर रात में मंदिर पहुँचे लेकिन शुरू में तो सब कुछ सामान्य था जिसके बाद उन्होंने हँसी-मज़ाक करते हुए वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू की….लेकिन जैसे ही रात के 12 बजे, तभी अचानक मंदिर के गर्भगृह से घंटियों की आवाज़ आने लगी जबकि वहाँ कोई मौजूद नहीं था और उसी वक्त कैमरे की बैटरी अचानक बंद हो गई।
जिसके बाद उन युवकों में से एक ने बताया कि उसने साफ़ देखा था कि एक युवती मंदिर की टूटी सीढ़ियों पर खड़ी थी, उसके चेहरे पर अंधकार छाया हुआ था और उसकी आँखें आग की तरह चमक रही थीं…जिसके बाद हम डरे-सहमे किसी तरह वहाँ से भाग निकले उनमें से दो बीमार पड़ गए और महीनों तक उन्हें बुरे सपने आते रहे और आज भी गाँव वाले कहते हैं कि उन युवकों ने राजकुमारी वेदिका की आत्मा को देख लिया था।
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मंदिर के आज के हालात
दोस्तों आज भी ये मंदिर वीरान है दिन में तो कुछ साहसी लोग घूमने आ जाते हैं, लेकिन रात में यहाँ कोई नहीं जाता है क्योंकि कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति साहस करके इस मंदिर की घंटी बजा दे, तो उसे अगले सात दिन तक अजीब घटनाओं का सामना करना पड़ता है जैसे कि घर में खुद-ब-खुद दरवाज़े खुलना-बंद होना…आईने में परछाई का अजीब आकार दिखना…नींद में किसी का गला दबाना।
इसी वजह से लोग मंदिर को दूर से ही प्रणाम करते हैं और सूर्यास्त के बाद उसका नाम लेने से भी डरते हैं दोस्तों ये भूतिया मंदिर रहस्य और डर का प्रतीक बन चुका है ये कहानी सिर्फ़ अंधविश्वास है या वाकई आत्माओं का खेल है आज तक कोई साबित नहीं कर पाया है |
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मैं विकास राजपूत आपका अपनी वेबसाइट पर स्वागत करता हूं यहां पर आपको मैं काफी ज्यादा बेहतरीन और यूनिक कंटेंट देने की कोशिश करता हूं क्योंकि मैं जिस विषय पर लिखता हूं उसकी मैं पहले बहुत ज्यादा रिसर्च करता हूं उसके बाद ही लिखता हूं इसीलिए आप मुझ पर आँख बंद करके विश्वस कर सकते है |