दोस्तों एक महिला शाम 6:00 के करीब अपने ऑफिस से अपने घर के लिए निकलती है लेकिन वह महिला रात के 2:00 बजे तक भी अपने घर नहीं पहुंच पाती है और जब उस महिला के पति ने उस महिला को ढूंढने की कोशिश की तो वह महिला अपने घर से करीब 45 से 40 किलोमीटर दूर एक कब्रिस्तान में मिलती है……..
वह भी आपत्तिजनक अवस्था में और अजीब व्यवहार करती हुई लेकिन उस महिला के साथ ऐसा क्या हुआ था और वह महिला अपने ऑफिस से इतनी दूर एक कब्रिस्तान में कैसे पहुंची चलिए जानते हैं आज की इस पूरी भूतिया स्टोरी की असली सच्चाई तो नमस्कार दोस्तों मैं हूं विकास राजपूत |
Real Horror Story In Hindi 2024
कहानी की शुरुआत
दोस्तों इस कहानी को समझने के लिए आपको करीबन 6 महीने पहले जाना होगा यानी कि साल 2012 में जाना होगा दोस्तों साल 2012 में जयपुर के रहने वाले अनुज पटेल और अजमेर की रहने वाली अंशु की बड़ी ही धूमधाम से शादी की जाती है और शादी के बाद दोनों जयपुर में ही रहने लगते हैं.
अपने पूरे परिवार के साथ हालांकि दोस्तों शादी के करीब 3 महीने के बाद ही अंशु गर्भवती हो जाती है और जैसे ही अंशु प्रेग्नेंट हुई तो उसके करीब 10 से 15 दिनों के बाद तक तो सब कुछ बिल्कुल सही चल लेकिन अंशु के प्रेग्नेंट होने के 10 से 15 दिनों के बाद अंशु अजीबोगरीब व्यवहार करने लगी…..
2024 की सच्ची भूतिया कहानी:- Click Here
उसे हर समय ऐसा महसूस होता कि उसे कोई घूर-घूर कर देख रहा है और हर समय उसे अपने अलावा और दूसरे व्यक्ति के होने का आभास अपने घर में होता और यहां तक कि जब वह टॉयलेट में जाती तब भी उसे वहां पर कोई दूसरा व्यक्ति होने का आभास होता हैं…
हालांकि दोस्तों जब उसने अपने पति को ये सारी बातें बताई तब उसके पति ने यह बोलकर बात डाल दी कि यह सब तुम्हारा भहम है यहां पर कोई भी नहीं है लेकिन इसके बाद जो होने वाला था उसने सभी घरवालों को सोचने पर मजबूर कर दिया |
अंशु हुईं रात को बेकाबू
दोस्तों जब अंशु के पति ने अंशु की बात नहीं मानी और उसकी सारी बातों को अनदेखा कर दिया तब एक दिन अचानक अंशु रात को खाना खाकर आराम से अपने बेड पर अपने पति के साथ आराम कर रही थी कि तभी अचानक वह रात के 12 से 12:30 के बीच में चिल्लाती हुई उठती है…
और जोर-जोर से चिल्लाने लगती है और बोलने लगती है कि यह मेरे पास खड़ी सफेद साड़ी वाली महिला मुझे और मेरे बच्चे को मार देगी हालांकि अंशु के चिल्लाने की आवाज सुनकर जब उसका पति भी उठा तब उसे वहां पर उन दोनों के अलावा कोई भी दिखाई नहीं दे रहा था.
जिसके बाद उसने जैसे तैसे करके अंशु को शांत किया और उसे सुला दिया और जब अगला दिन हुआ तब उसने अपने माता-पिता को अपने साथ घटी रात को सारी घटना बताई तब उसके माता-पिता ने अंशु को पास के एक साइकोलॉजिस्ट से दिखाने की बात की और दोनों पति-पत्नी अगले दिन पास के ही एक साइकोलॉजिस्ट के पास पहुंच जाते हैं |
मेहंदीपुर बालाजी में पीछे मुड़कर क्यों नहीं देखते और पीछे मुड़कर देख लिया तो क्या होगा: Click Here
साइकोलॉजिस्ट ने की अंशु की जांच
दोस्तों जब अनुज अपनी पत्नी को लेकर अपने पास की ही एक साइकोलॉजिस्ट के पास पहुंचा तब उसने अंशु के काफी सारे चेकअप किया और उसकी जांच की तब उसने बताया कि घबराने वाले कोई भी बात नहीं है जब कोई महिला मां बनने वाली होती है तब उसके शरीर में बहुत सारे बदलाव आते हैं और उन्हीं बदलाव की वजह से वह ऐसी अजीब हरकतें करने लग जाती है.
और उसने कुछ दिनों की अंशु को दवाई दी और कहा कि यह दवाई लेने के बाद तुम्हारी तबीयत सही हो जाएगी और दोस्तों साइकोलॉजिस्ट की दवाई लेने के काफी दिनों के बाद तक तो सब कुछ सही रहा लेकिन अब जो अंशु के साथ होने वाला था वह ना तो अंशु के घर वालों ने सोचा था और ना ही कभी अंशु ने सोचा था कि उसके साथ एक इतनी बड़ी घटना घट जाएगी जिसकी वजह से उसके घर वाले आज भी डर के साए में रहेंगे |
Haunted Railway Station In India:- Click Here
अंशु हुई गायब
दोस्तों अंशु एक पास के ही ऑफिस में काम किया करती थी और अंशु का ऑफिस उसके घर से महज आधे घंटे की दूरी पर ही था और अंशु हर बार शाम करीब 6 से 6:30 के बीच में ऑफिस से अपने घर आ जाया करती थी लेकिन उस दिन अंशु रात के करीब 8:00 तक भी अपने घर नहीं पहुंचती है और दूसरी तरफ अंशु के घर वाले अंशु का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे और उसको फोन करने का बार-बार कोशिश कर रहे थे |
लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ आ रहा था और ऐसे ही अंशु के घर वालों को इंतजार करते-करते रात के करीब दो बज जाते हैं लेकिन अभी तक भी ना तो अंशु घर पर आई थी और ना ही उसकी तरफ से कोई भी फोन आया था ऐसे में घर वालों को अंशु की और भी ज्यादा फिक्र होने लगी की अंशु इतनी रात को कहां गायब हो गई.
अब अंशु के घर वालों से और इंतजार नहीं हुआ और अंशु का पति और उसका देवर अंशु को ढूंढने के लिए उसके ऑफिस की तरफ निकल पड़ते हैं और वह कुछ ही देर बाद अपने कार से अंशु के ऑफिस में पहुंच जाते हैं जहां पर उन्हें गार्डन बताता है कि अंशु तो हर रोज की तरह ही 6:00 बजे के करीब अपने ऑफिस से घर के लिए निकल गई थी….
कैसे हुई एक किले से पूरी की पूरी बारात गायब:- Click Here
और जब अंशु के पति ने गार्ड की यह बात सुनी तब उसके पैरों के नीचे से जमीन ही निकल गई उसने सोचा कि अगर अंशु 6 बजे ही यहां से निकल चुकी है तो फिर वह अभी तक घर क्यों नहीं पहुंची क्या उसके साथ कोई अनहोनी तो नहीं हो गई है और दोनों भाई काफी ज्यादा घबरा गए तभी घबराहट में अनुज का छोटा भाई विजय बोलता है…
कि भैया चलो पास की ही एक पुलिस स्टेशन में भाभी के गुमशुदा होने की रिपोर्ट लिखवाते हैं लेकिन तब अनुज ने पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया और उसने कहा कि अगर हम पुलिस स्टेशन में जाएंगे तो हमें और भी ज्यादा समय लग जाएगा और हो सकता है कि जब तक पुलिस इस केस की छानबीन करें और रिपोर्ट लिखे तब तक अंशु के साथ कोई अनहोनी घटित ना हो जाए.
इसीलिए हमें ही पहले अंशु को ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए और दोनों भाई ऐसे बात कर रहे थे कि तभी अनुज के मन में एक ऐसा विचार आता है जिसकी वजह से वह तुरंत अंशु के पास पहुंच गए |
यहां से आप हमारे यूट्यूब चैनल से भी जुड़ सकते हैं
पहला चैनल- Nirwan Fact
दूसरा चैंनल- First Tale
अंशु के पति ने की अंशु की फोन लोकेशन ट्रेस
दोस्तों जब दोनों भाई एक दूसरे से बात कर ही रहे थे कि तभी अंशु के पति को एक विचार आता है और वह अपने भाई से बोलता है की विजय तुम्हारी भाभी के पास तो आईफोन है ना और आईफोन होने की वजह से हम उसके स्विच ऑफ होने के बाद भी उसकी फोन लोकेशन पता लगा सकते हैं..
और इतना सोचते ही तुरंत अनुज अपनी पत्नी के फोन की लोकेशन ट्रेस करने लगता है और जैसे ही उसने अपनी पत्नी की फोन की लोकेशन ट्रेस की तो लोकेशन को जानकर उसके पैरों के नीचे से जमीन ही निकल गई क्योंकि उस समय अंशु की लोकेशन उनसे करीब 40 से 45 किलोमीटर दूर स्थित एक कब्रिस्तान के पास दिख रही थी यहां पर उन दोनों के लिए है..
नैनी रेलवे स्टेशन पर घटी खौफनाक भुतिया घटना:- Click Here
हैरानी की बात यह थी कि ना तो वह कभी इस रास्ते पर गए हैं और ना ही अंशु कभी इस रास्ते पर गई थी तो फिर वह इतनी रात को हैं रास्ते पर बिना बताएं कैसे चली गई तब अनुज को अंशु के साथ किसी अनहोनी होने की चिंता होने लगी इसीलिए दोनों भाई तुरंत अपनी गाड़ी को लोकेशन की तरफ दौड़ा देते हैं और वो करीब आधे घंटे के बाद लोकेशन पर पहुंच जाते हैं लेकिन वहाँ जो उनके साथ हुआ वह उन्होंने कभी भी नहीं सोच था |
दोनों भाइयों को मिलीं आपत्तिजनक अवस्था में अंशु
दोस्तों दोनों भाई करीब 40 से 45 किलोमीटर चलने के बाद चले तो उन्हें सड़क के पास ही अंशु की कार खड़ी हुई दिखाई दी यह देखकर उन्होंने तुरंत कार रोकी तो उन्होंने पाया कि उनके सामने एक बड़ा कब्रिस्तान है जिसके चारों तरफ केवल लाशें ही लाशें दफन थी ये सब देखकर दोनों भाइयों के पैरों के नीचे से जमीन ही निकल गई और वो काफी ज्यादा डर गए..
और दोनों भाई डरते डरते हनुमान चालीसा बोलते बोलते अपनी कार से नीचे उतरते हैं और अंशु को इधर-उधर ढूंढने लगते हैं और अंशु को आवाज लगाते हैं हालांकि उस समय उन्हें बहुत ज्यादा डर लग रहा था क्योंकि वह एक ऐसी जगह थे जहां पर बहुत सारे लोग दफन थे.
लेकिन वह हार नहीं मानते हैं और जोर-जोर से हनुमान चालीसा बोलते हुए अंशु को ढूंढने लगते हैं और कुछ समय बाद उन्हें अचानक अपने सामने एक बड़ा बरगद का पेड़ दिखाई देता है और जैसे ही वो उस बरगद के पेड़ के पास पहुंचे तब वह पाते हैं कि उस बरगद के पेड़ के पास अंशु अपने बाल बिखरे हुए और जमीन में अपने नाखूनों से गड्ढा करते हुए जोर-जोर से चिल्ला रही है यह सब देखकर दोनों भाई और भी ज्यादा घबरा गए लेकिन उन्होंने फिर भी हनुमान चालीसा बोलना नहीं छोड़ा |
भारत की 5 सबसे रहस्यमयी जगह जहां कभी मत जाना: Click Here
अंशु ने किया दोनों भाइयों पर हमला दोनों भाइयों ने अंशु को डाला कार में
दोस्तों जैसे ही दोनों भाइयों को अंशु दिखाई दी तो दोनों भाई अंशु को बुलाने के लिए जैसे ही अंशु के पास पहुंचे तब अंशु उन्हें अपनी लाल आखों से घूरने लगी और उन दोनों पर बहुत तेजी से हमला कर दिया जिसके बाद दोनों भाइयों ने जैसे तैसे करके हनुमान चालीसा बोलते हुए अंशु को पकड़कर अपनी कार में डाल लिया और जोर-जोर से हनुमान चालीसा बोलने लगे और हनुमान चालीसा बोलते हुए कार में पड़ी एक रस्सी से अंशु के हाथ और पैर बांध दिए और कार के अंदर बैठकर कार को मेहंदीपुर बालाजी की तरफ तो उड़ा दी |
दोनों भाई पहुंचे मेहंदीपुर बालाजी
दोस्तों दोनों भाई अंशु को लेकर मेहंदीपुर बालाजी की तरफ तेजी से जाने लगते हैं लेकिन अभी अंशु बिल्कुल भी शांत नहीं हुई थी वह पीछे से जोर-जोर से चिल्ला रही थी गालियां दे रही थी और बोल रही थी कि मैं तुम सबको मार दूंगी लेकिन फिर भी दोनों भाई हनुमान चालीसा बोलते बोलते काफी तेजी से मेहंदीपुर बालाजी की तरफ बढ़ते जा रहे थे.
हालांकि मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर उनसे करीब 3 से 4 घंटे की दूरी पर था इसीलिए करीब 3:30 घंटे चलने के बाद ही वो सुबह 6:00 के आसपास मेहंदीपुर बालाजी पहुंच जाते हैं और करीब 7:00 बजे वहां के एक पुजारी जी से मिलते हैं लेकिन जब उस पुजारी जी ने अंशु को देखा तब जो उस पुजारी ने उन दोनों को अंशु के बारे में बात बताई उसे सुनकर तो उन दोनों के पैरों के नीचे से जमीन ही निकल गई |
भुत प्रेतों का मंदिर जहां जाने का मतलब अपनी मौत को दावत देना है: Click Here
पुजारी ने बताया कि अंशु के अंदर है बुरी आत्मा
दोस्तों जब मेहंदीपुर बालाजी के पुजारी ने अंशु को देखा तब उन्होंने अंशु के पति और देवर को बताया कि इसके अंदर तो एक गर्भवती महिला की बुरी आत्मा का उपवास है जो की काफी दिनों से तुम्हारे घर में रह रही थी और इतना बोलकर वह अंशु के नाम की एक पूजा करवाते हैं और अंशु को मेहंदीपुर बालाजी की एक भभूत लगते हैं और अंशु को हनुमान जी का नाम लेने के लिए बोलते हैं.
और उसको एक ताबीज भी बांध देते हैं जिससे कि अंशु की तबीयत बिल्कुल सही हो जाती है और वो बोलते हैं कि जब तक तुम माँ नहीं बन जाती तब तक इस ताबीज को कभी खोलना मत वरना उस गर्भवती महिला का साया फिर से तुम पर हावी हो जाएगा और तुम्हें रोज अपने घर पर हनुमान जी की पूजा करनी होगी और उनका नाम लेना होगा और तुम्हें तुम्हारे घर पर एक हवन भी करवाना होगा…
जिससे कि सब कुछ बिल्कुल सही हो जाएगा इसके बाद तीनों पुजारी जी की आज्ञा से मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन करते हैं और उनसे अपनी सलामती की दुआ मांगते हैं और अपने घर की तरफ लौटने लगते हैं लेकिन जैसे ही वो मंदिर के प्रांगण से बाहर निकलने ही वाले होते हैं कि तभी उनके साथ एक ऐसी घटना घटती है जिसे सुनकर तो आप भी चौंक जाएंगे और आप भी डर की वजह से कांप जाएंगे |
10 डरावनी सच्ची भुतिया घटनाएँ: Click Here
मंदिर से लौटते समय दी किसी ने पीछे से आवाज
दोस्तों जैसे ही तीनों मंदिर के प्रांगण से बाहर निकलने ही वाले होते हैं की तभी तभी उन्हें पीछे से अनुज की मां आवाज देती है की बेटा क्या अकेले-अकेले ही घर जाओगे मुझे अपने साथ लेकर नहीं जाओगे और इतनी आवाज सुनते ही अंशु जैसे ही पीछे मुड़कर देखने वाली ही होती है तभी उसके पति अनुज के द्वारा उसका हाथ पकड़ लिया जाता है.
और उसे बोला जाता है कि हम तीन ही मेहंदीपुर बालाजी आए थे और हमारी मां घर पर है यह एक छलावा है और यह वही बुरी आत्मा है जो कि तुम पर हावी होना चाहती है इसीलिए तुम पीछे मुड़कर मत देखो क्योंकि पीछे मुड़कर देखने से वह आत्मा फिर से तुम पर हावी हो जाएगी फिर तीनों हनुमान चालीसा पढ़ते-पढ़ते अपनी कार की तरफ आ जाते हैं और अपनी कार के अंदर बैठकर वापस से अपने घर पर आ जाते हैं |
कहानी की समाप्ति
दोस्तों जैसे ही वह तीनों घर आए तब उन्होंने अपने घर वालों को सारी बातें गहराई से बताइए जिसके बाद पूरा परिवार हनुमान जी को धन्यवाद देता है और आज वह पूरा परिवार रोज हनुमान जी की आराधना करता है उनका रोज नाम लेता है उनकी पूजा करता है और आज यह परिवार एक खुशहाल जिंदगी जी रहा है और आज अंशु ने एक बच्चे को भी जन्म दे दिया है..
जो की बहुत ही आराम से जिंदगी बिता रहे हैं हालांकि आज अंशु तो उस घटना को भुला चुकी है लेकिन आज भी वो दोनों भाई उसे डरावने दृश्य को नहीं बुला पाए हैं क्योंकि उन्होंने वो दृश्य से बहुत ही गंभीरता से देखा था खैर आपका इस स्टोरी के बारे में क्या बोलना है नीचे कमेंट सेक्शन में जरूर बताना |
मैं विकास राजपूत आपका अपनी वेबसाइट पर स्वागत करता हूं यहां पर आपको मैं काफी ज्यादा बेहतरीन और यूनिक कंटेंट देने की कोशिश करता हूं क्योंकि मैं जिस विषय पर लिखता हूं उसकी मैं पहले बहुत ज्यादा रिसर्च करता हूं उसके बाद ही लिखता हूं इसीलिए आप मुझ पर आँख बंद करके विश्वस कर सकते है |