दोस्तों 13 नवंबर 2023 को रवी और उसका दोस्त मुंबई से अपने गांव के लिए निकलते हैं ट्रेन के द्वारा लेकिन उनके साथ ट्रेन में एक ऐसी भूतिया घटना घट जाती है जिसके बाद रवी कभी भी अपने गांव नहीं पहुंच पाता है और रवी का दोस्त भी उस दिन के बाद हमेशा डर के साए में रहता है तो आखिरकार क्या हुआ था रवी और उसके दोस्त के साथ ट्रेन में और क्यों रवी अपने घर नहीं पहुंच पाया चलिए जानते हैं।
Haunted Railway Station Story In Hindi
दोस्तों हमारी इस स्टोरी की शुरुआत होती है मुंबई से जहां पर विक्रम और रवी दो दोस्त एक साथ नौकरी किया करते थे हालांकि ये दोनों ही दोस्त गांव के रहने वाले थे और ये पक्के दोस्त है ये बचपन से ही एक ही स्कूल में पढ़े थे और इन्होंने कॉलेज भी एक साथ की थी और अब ये दोनों नौकरी भी एक साथ कर रहे थे
लेकिन जब भी इन दोनों दोस्तों को अपने ऑफिस से तीन से चार दिनों की छुट्टी मिलती थी तब ये दोस्त अपने गांव अपने माता-पिता के पास चले जाया करते थे उनसे मिलने के लिए इसीलिए दोस्तों अबकी बार भी इन दोनों दोस्तों ने 5 से 6 दिनों की अपने ऑफिस से छुट्टी ली.
क्योंकि ये दोनों ही दोस्त अपने गांव में किसी की शादी में जाना चाहते थे इसीलिए दोनों ने ऑफिस से छुट्टी ली और दोनों ही दोस्त अपने ऑफिस से छुट्टी लेने के बाद अगली सुबह ही अपने गांव के लिए ट्रेन से निकल पड़ते हैं दोस्तों इन दोनों का गांव 15 से 20 घंटे की दूरी पर था इसीलिए सफर लंबा होने की वजह से दोनों ही दोस्त ट्रेन के अंदर आराम करने लगते हैं और सो जाते हैं और दोस्तों ट्रेन भी अपनी मंजिल पर पहुंचने के लिए लगातार आगे बढ़ रही थी और सब कुछ सही चल रहा था लेकिन दोस्तों जैसे ही रात के करीब 2:18 मिनट होती है.
तभी अचानक ट्रेन एक रेलवे स्टेशन पर आकर रुक जाती है और जैसे ही ट्रेन इस रेलवे स्टेशन पर रूकती है तभी रवी की अचानक आंखें खुल जाती हैं और काफी टाइम तक ट्रेन वही रुकी रहती है अब ट्रेन को यहां पर रुके हुए आधे घंटे से ज्यादा का समय हो गया था लेकिन ट्रेन अभी भी इस रेलवे स्टेशन से चलने का नाम नहीं ले रही थी
इसीलिए ज्यादा समय होने की वजह से रवी बोर होने लगा और उसने खिड़की खोलकर देखना चाहा कि ये कौन सा रेलवे स्टेशन है जहां पर ट्रेन इतने समय से रुकी हुई है क्योंकि पूरे डब्बे में रवी ही था जो की जग़ा हुआ था इसीलिए उसने ट्रेन की खिड़की खोलकर देखी तब वो देखता है कि पूरा रेलवे स्टेशन बिल्कुल खाली पड़ा है बिल्कुल सुनसान और इस रेलवे स्टेशन पर एक भी व्यक्ति नहीं था
ये देखकर रवी को थोड़ा अजीब लगा है कि इस रेलवे स्टेशन पर कोई भी क्यों नहीं है और ये रेलवे स्टेशन इतना ज्यादा अजीब क्यों है इस बात की जांच करने के लिए रवी ट्रेन से नीचे उतर जाता है और देखता है कि कहीं उसे कोई दुकान मिल जाए जहां से वो कुछ खरीद कर खा सके.
लेकिन दोस्तों रवी पुरा रेलवे स्टेशन छान मारता है लेकिन उसे कोई भी दुकान या कोई भी रेडी वाला नहीं मिलता है और रवी रेलवे स्टेशन पर इधर-उधर घूमता रहता है लेकिन जब उसे कोई भी नहीं मिलता है तब वो अपने ट्रेन के डिब्बे में वापस लौट लगता है और जैसे ही रवी अपने ट्रेन के डिब्बे में चढ़ने लगता है
तभी उसे पीछे से एक लड़की आवाज देती है की रवी तुम्हें तो भूख लगी थी ना तुम बिना खाना खा कहां जा रहे हो और दोस्तों जैसे ही रवी ने यह आवाज सुनी तो रवी तुरंत वहीं पर रुक जाता है और वो जैसे ही पीछे मुड़कर देखा है…..
तो उसे पीछे एक लड़की दिखाई देती है रवी ये देखकर काफी ज्यादा अचंभित हो जाता है कि अभी-अभी तो इस पूरे रेलवे स्टेशन पर कोई भी नहीं था इतनी ही देर में ये सुंदर सी लड़की कहां से आ गई लेकिन जैसे ही रवी उस सुंदर लड़की को देखा है तो वो उस लड़की की सुंदरता में ऐसे खो जाता है कि वो उसके पीछे-पीछे हो जाता है और उस लड़की के पीछे-पीछे चला जाता है और वो लड़की रवी को रेलवे स्टेशन के पीछे ले जाती है.
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और वहां पर ले जाकर एक समोसे की दुकान से उसे समोसा खिलाती है और रवी को भी काफी टाइम से भूख लगी हुई थी इसलिए रवी भी बिना कुछ सोचे समझे समोसा खा लेता है लेकिन दोस्तों जैसे ही रवी ने समोसा खाते हुए उसे लड़की के पैरों की तरफ देखा??
तो उसने पाया कि उस लड़की के पैर उल्टे हैं ये देखकर रवी काफी ज्यादा घबरा गया और उसके हाथों से समोसा नीचे गिर जाता है लेकिन जैसे ही रवी उस लड़की के चेहरे पर नजर घूमता है तो उस लड़की का सुंदर सा चेहरा काफी ज्यादा भयानक बन जाता है जिसे देखकर रवी पसीना पसीना हो जाता है और कांप जाता है और रवी वहां से तुरंत भाग जाता है लेकिन वो लड़की बोलती है कि तुम्हारे भगाने का कोई फायदा नहीं है.
क्योंकि तुमने मुझे देख लिया है और जो भी व्यक्ति मुझे देखा है मैं उसे जिंदा नहीं छोड़ती हूं और ये रेलवे स्टेशन मेरा है और यहां पर जो भी व्यक्ति उतरता है उसकी मौत निश्चित होती है लेकिन दोस्तों जब रवी ने ये सुन तो रवी और भी ज्यादा घबरा गया और वो जल्दी-जल्दी दोड़ने लगा और जल्दी-जल्दी के चक्कर में रवी जैसे ही रेलवे ट्रैक को पार करके अपने ट्रेन के डिब्बे में पहुंचने की कोशिश करता है तभी सामने से एक राजधानी सुपरफास्ट एक्सप्रेस गाड़ी आ जाती है और रवी को वही कुचल देता है और रवी की तुरंत मौके पर ही मौत हो जाती है
लेकिन जैसे ही रवी को ट्रेन ने कुचला तो ट्रेन रवी की चिल्लाने की आवाज सुनकर तुरंत विक्रम उठ जाता है और वो जब ट्रेन के बाहर देखा है तो वो पता है कि रवी को एक ट्रेन ने कुचल दिया है और रवी की मौत हो चुकी है और उसके पास एक अजीब सी दिखने वाली महिला खड़ी है जो की जोर-जोर से हंस रही है जिसके होटो पर खून लगा हुआ है.
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ये देखकर विक्रम काफी ज्यादा घबरा गया और वो कांप गया हालांकि दोस्तों विक्रम ने उस रेलवे स्टेशन पर उतरकर रवी को संभालने की कोशिश नहीं की क्योंकि विक्रम ने इससे पहले इस रेलवे स्टेशन के बारे में बहुत सी भूतिया घटनाओं को बारे में सुन रखा था इसीलिए वो ये देखकर इतना ज्यादा घबरा गया कि वो तुरंत ट्रेन के डिब्बे में गेट के पास बेहोश हो जाता है और काफी टाइम तक वहीं बेहोश पड़ा रहता है
लेकिन दोस्तों कुछ टाइम बाद जब ट्रेन चलने लगती है और दो-तीन स्टेशन के बाद जब एक व्यक्ति की आंखें खुलती है तब वो वहां से गुजरता है तो वो पता है कि वहां पर विक्रम बेहोश पड़ा है इसीलिए वो तुरंत दूसरे व्यक्तियों को बुलाता है मदद के लिए और ट्रेन के कुछ लोगों को और जगाता है जिससे कि सभी लोग मिलकर विक्रम को अगले ही रेलवे स्टेशन पर पुलिस के हवाले कर देती है और पुलिस विक्रम को अस्पताल में पहुंचा देती है.
और अस्पताल में पहुंचने के बाद करीब 8 से 9 घंटे के बाद विक्रम को होश आता है और इतने में विक्रम के माता-पिता भी वहां पर पहुंच चुके थे इसीलिए जैसे ही विक्रम को होश आया तो उसने रो-रो कर अपने साथ घटी सारी घटना अपने माता-पिता को बताई ये बात सुनकर उसके माता-पिता के पैरों के नीचे से जमीन ही निकल गई और उन्होंने अपने बेटे से कहा कि ये तो अच्छा हुआ कि बेटा तुम उस रेलवे स्टेशन पर नहीं उतारे वरना तुम्हारी भी मौत हो जाती क्योंकि वो रेलवे स्टेशन भूतिया है और वहां पर उतरने वाले व्यक्ति की तुरंत मौत हो जाती है.
ये बात सुनकर विक्रम और भी ज्यादा घबरा गया लेकिन दोस्तों उन्होंने जैसे तैसे करके विक्रम की हिम्मत बधाई और उसके माता-पिता ने पुलिस को सारी घटना बताई और जब ये सारी बातें डॉक्टर ने सुनी तो डॉक्टर ने पुलिस से कहा कि विक्रम को शायद इस घटना के बाद गहरा सदमा लगा है इसीलिए वो ऐसी अटपटी बातें कर रहा है इसीलिए उसे आराम की थोड़ी जरूरत है और दोस्तों वहीं दूसरी तरफ पुलिस भी ये सूचना पाकर की रवी की मौत हो चुकी है उसकी लाश को पूरी कानूनी कार्यवाही होने के बाद उसके माता-पिता तक पहुंचा देती है.
और इस पूरी घटना के बाद दोस्तों समय की वजह से विक्रम इस घटना को भुलाना चाहता है लेकिन वो भूल नहीं पा रहा था और आज भी वो डर के साए में जीता है और वो जैसे ही किसी ट्रेन को देखा है तो वो काफी ज्यादा घबरा जाता है और तुरंत बेहोश हो जाता है क्योंकि उसे जैसे ही ट्रेन दिखाई देती है तो उसे वो चुड़ैल याद आने लगती है जिससे देखकर विक्रम को ये एहसास होने लगता है की वो चुडेल उसके ही पास खड़ी है खैर आपका इस पूरी स्टोरी के बारे में क्या बोलना है नीचे कमेंट सेक्शन में जरूर बताना।
निष्कर्ष
दोस्तों में आशा करता हूं कि आपको ये मजेदार स्टोरी जरूर पसंद आई होगी मैंने आपको इस पोस्ट के अंदर बड़ी ही सरल भाषा में एक भूतिया रेलवे स्टेशन की स्टोरी बताई है इसीलिए अगर आपको ये पोस्ट थोड़ी बहुत ही अच्छी लगी हो या फिर मजेदार लगी हो तो इस पोस्ट को एक बार अपने दोस्तों से शेयर जरूर करें मैं विकास राजपूत आपसे आज की इस मजेदार पोस्ट से विदा लेता हूं मिलता हूं आपसे दूसरी पोस्ट में बहुत ही जल्द |
मैं विकास राजपूत आपका अपनी वेबसाइट पर स्वागत करता हूं यहां पर आपको मैं काफी ज्यादा बेहतरीन और यूनिक कंटेंट देने की कोशिश करता हूं क्योंकि मैं जिस विषय पर लिखता हूं उसकी मैं पहले बहुत ज्यादा रिसर्च करता हूं उसके बाद ही लिखता हूं इसीलिए आप मुझ पर आँख बंद करके विश्वस कर सकते है |
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