राम राम दोस्तों मै हूँ विकाश राजपूत..……..
9 अप्रैल 2025 की दोपहर, बिहार के गया जिले के तेतुआ गांव की सुषमा कुमारी के जीवन का एक खास दिन था। उसके पति रमेश, जो कि एक ट्रक ड्राइवर थे, महीनों बाद घर लौटे थे। बच्चों को मौसी के साथ छोड़कर, सुषमा और रमेश अपने कमरे में अकेले वक्त बिता रहे थे। सब कुछ सामान्य लग रहा था, लेकिन तभी अचानक दो गोलियों की आवाज ने पूरे घर को हिला कर रख दिया।
Bihar Crime Story 2025
कमरे में दाखिल होते ही टूटा मातम
गोलियों की आवाज सुनते ही सुषमा की बहन और बच्चे दौड़ते हुए कमरे की ओर भागे। दरवाजा बंद था, जिसे तोड़कर जब वे अंदर दाखिल हुए तो देखा – सुषमा ज़मीन पर खून से लथपथ हालत में पड़ी थी। उसकी सांसें थम चुकी थीं और रमेश कमरे से गायब था। घबराए परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, लेकिन तब तक आस-पड़ोस के लोग भी वहां जमा हो चुके थे।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और सबसे पहले सुषमा की डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। बच्चों और बहन से हुई शुरुआती पूछताछ में स्पष्ट हो गया कि घटना के समय सुषमा और रमेश अकेले थे। रमेश का फरार होना पुलिस के शक को और गहरा कर गया।

नौकर भी लापता, खिड़की के पास मिला हथियार
जब पुलिस ने पूरे घर की तलाशी ली, तो खिड़की के बाहर एक देशी कट्टा बरामद हुआ। वहीं दो लोगों के भागने के निशान भी मिले। घर में काम करने वाला नौकर भी बिना बताए लापता था, जिससे पुलिस को शक हुआ कि मामला प्रेम और साजिश दोनों का है।
14 साल पुराना रिश्ता और लव मैरिज की कहानी
पड़ोसियों से बातचीत में पता चला कि सुषमा और रमेश की शादी 14 साल पहले लव मैरिज के रूप में हुई थी। दोनों अलग-अलग जातियों से थे और परिवार वालों की मर्ज़ी के खिलाफ जाकर कोर्ट मैरिज की थी। बाद में परिवारों ने भी इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया था।
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घर-जमाई बना रमेश, जायदाद का झगड़ा
कुछ समय पहले रमेश ने अपना पुश्तैनी घर बेच दिया था और साले के घर में रहने लगा था। सुषमा के पिता की मृत्यु के बाद जायदाद को लेकर उसके भाई के साथ लंबे समय से विवाद चल रहा था। पुलिस को इस पारिवारिक तनाव के चलते हत्या की एक और संभावित वजह दिखने लगी।
भाई-भाभी शादी में गए, फिर भी शक की निगाहें
घटना से दो दिन पहले सुषमा का भाई और भाभी एक रिश्तेदार की शादी में शामिल होने गांव से बाहर गए थे। लेकिन चूंकि घर में तनाव पहले से था, पुलिस ने उन्हें भी जांच के दायरे में रखा। हालांकि उनके खिलाफ कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं मिला।

मोहल्ले में कानाफूसी – ‘अवैध संबंध‘ का खुलासा
महिला पड़ोसियों से पूछताछ में सामने आया कि सुषमा के किसी पुरुष मित्र के साथ नजदीकी संबंध थे। रमेश को यह बात बिल्कुल पसंद नहीं थी और इसको लेकर पति-पत्नी के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था। सुषमा बिहार के ‘विकास प्रोटेक्शन संघ’ में कार्यरत थी, जिसकी वजह से पुरुष मित्रों का आना-जाना लगा रहता था।
मोबाइल की जांच से खुला राज़
पुलिस ने जब सुषमा के मोबाइल की कॉल डिटेल्स खंगालीं, तो एक नंबर बार-बार सामने आया जिससे घंटों बातें होती थीं। पुलिस ने उस व्यक्ति को हिरासत में लिया तो उसने बताया कि वह सुषमा का ‘करीबी दोस्त’ था और दोनों पिछले 3-4 सालों से प्रेम संबंध में थे। उसने स्वीकार किया कि दोनों के बीच शारीरिक संबंध भी थे और एक बार रमेश ने उन्हें आपत्तिजनक स्थिति में देख भी लिया था। तभी से सुषमा पर बंदिशें बढ़ गई थीं।
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सारे संकेत रमेश की ओर
अब तक की जांच में ज्यादातर सबूत रमेश की ओर इशारा कर रहे थे। वह घटना के बाद से ही फरार था। नौकर और रिश्तेदारों की मौजूदगी के बावजूद सिर्फ रमेश गायब था, जिससे उसकी भूमिका पर शक और भी गहरा हो गया।
क्या प्रेम ही बनी मौत की वजह?
सवाल ये है कि क्या ये हत्या महज अवैध संबंधों का नतीजा थी? या इसमें संपत्ति विवाद, पारिवारिक झगड़े और सामाजिक तनाव ने भी भूमिका निभाई? पुलिस फिलहाल रमेश की तलाश में जुटी है, लेकिन अभी तक वो पकड़ में नहीं आया है।
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क्या ये राज़ कभी खुलेगा?
कुछ स्थानीय रिपोर्ट्स का दावा है कि सुषमा बिहार के मुख्यमंत्री की रिश्ते में नातिन थी, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। यह मामला जितना सरल दिखता है, उतना ही जटिल और उलझा हुआ है।
आपकी राय क्या कहती है?
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मैं विकास राजपूत आपका अपनी वेबसाइट पर स्वागत करता हूं यहां पर आपको मैं काफी ज्यादा बेहतरीन और यूनिक कंटेंट देने की कोशिश करता हूं क्योंकि मैं जिस विषय पर लिखता हूं उसकी मैं पहले बहुत ज्यादा रिसर्च करता हूं उसके बाद ही लिखता हूं इसीलिए आप मुझ पर आँख बंद करके विश्वस कर सकते है |
यह “Bihar Crime Story 2025” वाला लेख वाकई में बहुत ही चौंकाने वाला और रोचक है! बिहार में हुई इस क्राइम स्टोरी को इतने प्रभावशाली और सरल तरीके से पेश किया गया है कि पढ़कर मन में कई सवाल उठते हैं। कहानी का विवरण इतना गहन और भावनात्मक है कि यह न सिर्फ उत्सुकता बढ़ाता है, बल्कि समाज में हो रही ऐसी घटनाओं पर सोचने को मजबूर करता है। विद्यार्थियों और सामान्य पाठकों के लिए यह लेख एक महत्वपूर्ण संसाधन है जो जागरूकता बढ़ाने में मदद करता है। इतना जबरदस्त कंटेंट शेयर करने के लिए धन्यवाद—कृपया ऐसे ही विचारोत्तेजक लेख शेयर करते रहें