अंतरिक्ष जहां पर आज दुनिया का हर देश पहुचना चाहता है और हर दिन पूरी दुनिया मे कोई ना कोई देश अपना स्पेस क्राफ्ट अंतरिक्ष की जानकारी लेने के अंतरिक्ष में भेजता है लेकिन दोस्तों 12 अप्रैल 1961 ये हमारे इतिहास का वो सबसे बड़ा दिन था जब पहली बार किसी इंसान ने धरती से अंतरिक्ष तक की यात्रा पूरी की थी यानी कि यह वह दिन था जब कोई इंसान पहली बार धरती से अंतरिक्ष में गया हो उस इंसान का नाम था यूरी गगारिन तो चलिए आज की इस पोस्ट में जानते हैं यूरी गगारिन की अंतरिक्ष के 1 घंटे 48 मिनट के सफर के बारे में |
इंसान की पहली अंतरीक्ष यात्रा कितनी खतरनाख थी
यूरी गगारिन का बचपन
दोस्तों यूरी गगारिन वह नाम है जिसने मानव को अंतरिक्ष में भेजने का सपना साकार बनाया था यूरी गगारिन का जन्म क्लुशिनो गाँव में 9 मार्च 1934 को हुआ था उनके पिता एक कारपेंटर थे और इनकी माता एक डेयरी में काम किया करती थी यूरी गगारिन अपने चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर आते थे और ये एक ऐसे गांव में रहते थे जहां पर हमेशा ही युद्ध चलता रहता था।
और सेकंड वर्ल्ड वॉर के समय यानी कि 18 अक्टूबर 1941 को नाजी सेना ने इनके गांव को अपने अधीन ले लिया था यानी कि इनके गांव पर कब्जा कर लिया था और यूरी गगारिन की स्कूल पर भी कब्जा कर लिया था और उन्होंने सबसे पहले उनकी स्कूल पर कब्जा करके उसे जला डाला हालांकि बाद में 9 मार्च 1944 को सोवियत यूनियन सेना के द्वारा इनके गांव को वापस आजाद करा लिया गया था।
यूरी गगारिन को भेजा गया अंतरिक्ष मे
इसके बाद गायूरी गरिन हुबर्टसी में एक स्टील प्लांट में काम करने लगे और अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह पायलट के रूप में सोवियत वायुसेना में शामिल हो गए और जब यह नॉर्वेजिय़न सीमा के पास लुओस्टारी एयर बंस थे तैनात है तब सोवियत अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए इनका चयन किया गया और 12 अप्रैल 1961 को हमारे इतिहास का वो सबसे बड़ा दिन था जब यूरी गगारिन पहली बार अंतरिक्ष में जाने वाले व्यक्ति बने यह अंतरिक्ष की लड़ाई सोवियत संघ की अमेरिका पर जीत थी।
इतिहास बनाने वाली यूरी गगारिन को जब अंतरिक्ष में भेजा गया था तब अंतरिक्ष यान और अंतरिक्ष के बारे में लोगों को और वैज्ञानिकों को कुछ भी ज्यादा जानकारी नहीं थी और यूरी गगारिन एक ऐसी यात्रा पर जा रहे थे जिसमें आपातकाल के बचाव के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं थी और उन्हें यह भी नहीं पता था कि यूरी गगारिन वापस धरती पर लौट पाएंगे या फिर नहीं और जिस रॉकेट में यूरी गगारिन को अंतरिक्ष में भेजा जाना था वह स्पेसक्राफ्ट वैज्ञानिकों द्वारा पहले कई बार टेस्टिंग के दौरान क्रेस हो चुका था जो कि उस समय एक सबसे बड़ी प्रॉब्लम थी।
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यूरी गगारिन को अंतरिक्ष में क्यों भेजा गया था
दोस्तों यूरी गगारिन को इसलिए स्पेस में भेजा गया था ताकि यह पता चल सके कि क्या अंतरिक्ष में भी मनुष्य जीवित रह सकता है और क्या अंतरिक्ष यान में अंतरिक्ष यात्री यात्रा कर सकता है और क्या अंतरिक्ष यान का धरती से संपर्क बना रहेगा जो प्रभावी रूप से प्रभावी हो सके और क्या सच में अंतरिक्ष यान सुरक्षित वापस धरती पर लौट पाएगा इन सब सवालों के जवाब खोजने के लिए ही दुनिया में सबसे पहले यूरी गगारिन को अंतरिक्ष में भेजा गया था।
यूरी गगारिन को ही अंतरिक्ष मिशन के लिए क्यों चुना गया था
यूरी गगारिन की पूरी बटालियन में केवल यूरी गगारिन को ही स्पेस में भेजने के लिए इसीलिए चुना गया था क्योंकि इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह थी कि उनकी हाइट 5.2 इंच थी जिसकी वजह से वह स्पेसक्राफ्ट के कैप्सूल में आसानी से फिट हो सकते थे और स्पेसक्राफ्ट के कैप्सूल के अंदर बैठकर आसानी से यात्रा कर सकते थे और उनका वजन भी 70 किलोग्राम था या उसे कम था जिससे कि वह आराम से कैप्सूल के इंजन के साथ यात्रा कर सकते थे।
यूरी गगारिन के अंतरिक्ष के सफर में आई तकनीकी खामिया
यूरी गगारिन को जब अंतरिक्ष में भेजा गया था उस समय संवाद उपकरणों पर लोगों को ज्यादा कुछ भरोसा नहीं था और लोगों को यह भी नहीं पता था कि क्या सच में कोई व्यक्ति अंतरिक्ष यानी की धरती से दूसरे ग्रह पर या फिर आसमान में जा भी सकता है या फिर नहीं और उस समय यूरी गगारिन को अंतरिक्ष में भेजा गया था यह बात अपने आप में ही एक चमत्कार से कम बात नहीं थी।
और यूरी गगारिन ने इस यात्रा में बहुत सारे खतरों का सामना किया और उन्होंने अपनी इस यात्रा के दौरान अपने जीवन को ही लगभग दाव पर लगा दिया था क्योंकि यूरी गगारिन को अपनी इस यात्रा के दौरान बहुत सारी तकनीकी खामियों का सामना करना पड़ा था.
यूरी गगारिन के सामने सबसे बड़ी समस्या यह आई थी कि उनका अंतरिक्ष यान अनुमान से कहीं ज्यादा ऊंचाई वाले ऑर्बिट में स्थापित हो गया था हालांकि युरी गगारिन के पास उस समय अंतरिक्ष यान के ब्रेक थे अगर वो सही तरह से काम ना करते तो यूरी गगारिन को अंतरिक्ष के खुद उतरने का इंतजार करना पड़ता और यह मिशन कभी भी सक्सेस नहीं हो पाता लेकिन यूरी गगारिन के पास अंतरिक्ष यान के ब्रेक होने की वजह से उन्होंने सही टाइम पर ब्रेक लगा दिए जिससे कि उनका अंतरिक्ष यान रुक गया.
और वैसे तो अंतरिक्ष यान में 1 सप्ताह से ज्यादा दिनों के लिए ऑक्सीजन और खाने-पीने की व्यवस्था मौजूद थी लेकिन अंतरिक्ष यान के ज्यादा ऊंचाई वाले ऑर्बिट में स्थापित होने की वजह से वापस आते समय भोजन पानी और ऑक्सीजन की कमी हो सकती थी जिससे यूरी गगारिन की मौत भी हो सकती थी यानी कि इस यात्रा में यूरी गगारिन ने अपना पूरा जीवन ही दांव पर लगा दिया।
ये तो हमने बात की यूरी गगारिन के स्पेस में जाने और वहां पर रहने के सफर के बारे में जिसमें उन्होंने बहुत ज्यादा खतरों का सामना किया था लेकिन दोस्तों यूरी गगारिन का खतरा अभी तक भी समाप्त नहीं हुआ था, जब वो धरती की तरफ वापस लौट रहे थे तब उनके अंतरिक्ष यान के कैप्सूल को जरूरत के सामान वाले सर्विस मॉडल से जोड़ने वाला तार अलग होना था
लेकिन किसी तकनीकी खराबी की वजह से वह तार अलग नहीं हो पाया और कैप्सूल में अतिरिक्त भार लगा हुआ होने की वजह से कैप्सूल में बहुत ज्यादा वजन हो गया जिसकी वजह से अंतरिक्ष यान के धरती पर लौटते समय ज्यादा स्पीड में होने की वजह से कैप्सूल में आग लग गई और जिसकी वजह से यूरी गगारिन बेहोश होने लगे .
लेकिन यूरी गगारिन के भाग्य की वजह से ही धरती पर पहुंचने से पहले ही उनके अंतरिक्ष यान के कैप्सूल का वह तार टूट गया और कैप्सूल मुक्त हो गया और कैप्सूल के मुक्त होते ही कैप्सूल जमीन पर टकराने ही वाला था की उससे पहले ही यूरी गगारिन ने सुरक्षित पैराशूट से छलांग लगा दी और वो वोल्गा नदी के किनारे बिल्कुल सही सलामत उतर गये |
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यूरी गगारिन की यात्रा को अंतरिक्ष की यात्रा नही माना गया
लेकिन दोस्तों जब युरी गगारिन ने कैप्सूल के जमीन से टकराने से पहले ही सुरक्षित पैराशूट से छलांग लगा दी तो यह बात फेडरेशन एयरोनॉटिक इंटरनेशनल यानी कि F.A.I. के प्रावधानों का उल्लंघन था क्योंकि उनके कानून के अनुसार अगर कोई अंतरिक्ष यात्री धरती से अंतरिक्ष की तरफ उड़ान भरता है तो उस यात्री को धरती पर लैंड भी अंतरिक्ष यान में ही करना होता है
वरना उस व्यक्ति की यात्रा को अंतरिक्ष यात्रा नहीं माना जाता है और युरी गगारिन ने धरती पर पहुंचने से कुछ समय पहले ही पैराशूट से अंतरिक्ष यान से छलांग लगा दी यानी कि अपनी यात्रा के अंतिम के कुछ क्षणों में यूरी गगारिन ने अंतरिक्ष यान में यात्रा नहीं की थी जिसके चलते उनकी यात्रा को अंतरिक्ष यात्रा नहीं माना गया लेकिन यह बात फेडरेशन एयरोनॉटिक इंटरनेशनल समिति के सामने जाहिर नहीं हो पाई और जिसके चलते उनकी यात्रा को अंतरिक्ष यात्रा मान लिया गया और यूरी गगारिन बन गए दुनिया के पहले ऐसे व्यक्ति जिन्होंने धरती से स्पेस तक का सफर पूरा किया |
और इतने ज्यादा खतरे उठाने के बाद यूरी गगारिन बने दुनिया के पहले अंतरिक्ष यात्री और उनकी इस यात्रा ने यूरी गगारिन की जिंदगी को पूरी तरह से ही बदल कर रख दिया इस यात्रा के बाद उन्हें बहुत सारे मेडलों से सम्मानित किया गया और एक इंटरव्यू के दौरान उनकी बेटी ने बताया कि यूरी गगारिन की इस यात्रा ने हमारी और हमारे पूरे परिवार की जिंदगी को ही बदल कर रख दिया क्योंकि यूरी गगारिन जब भी अपने घर से बाहर निकलते थे तो केवल उनकी एक झलक को देखने के लिए ही लोगों भीड़ उनके सामने लग जाया करती थी और लोग भी उन से भरपूर प्यार और स्नेह करते थे.
युरी गगारिन की मौत कैसे हुई
दोस्तों फरवरी 1968 में 34 वर्ष की उम्र में एम आइ जी-15 विमान की टेस्टिंग के दौरान विमान क्रैश होने की वजह से इस विमान दुर्घटना में युरी गगारिन मौत हो गई और इस दुर्घटना में युरी गगारिन और उनके सह पायलेट की भी मौत हो गई |
FAQ
Ques: 1 यूरी गगारिन की मृत्यु कैसे हुई?
Ans: फरवरी 1968 में 34 वर्ष की उम्र में एम आइ जी-15 विमान की टेस्टिंग के दौरान विमान क्रैश होने की वजह से इस विमान दुर्घटना में युरी गगारिन मौत हो गई |
Ques: 2 विश्व के प्रथम अंतरिक्ष यात्री कौन थे?
Ans: 12 अप्रैल 1961 ये हमारे इतिहास का वो सबसे बड़ा दिन था जब पहली बार किसी इंसान ने धरती से अंतरिक्ष तक की यात्रा पूरी की थी और उस व्यक्ति का नाम था यूरी गागरिन |
Ques: 3 यूरी गगारिन को अंतरिक्ष में किसने भेजा था?
Ans: 12 अप्रैल 1961 को सोवियत संघ के द्वारा पहली बार यूरी गागरिन को अन्तरिक्ष में भेजा गया था |
Ans: यूरी गगारिन का जन्म क्लुशिनो गाँव में 9 मार्च 1934 को हुआ था उनके पिता एक कारपेंटर थे और इनकी माता एक डेयरी में काम किया करती थी यूरी गगारिन अपने चार भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर आते थे |
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निष्कर्ष
दोस्तों मैं आशा करता हूँ की आपको ये यूरी गागरिन और उनकी अन्तरिक्ष की पहली यात्रा की जानकारी जरुर पसंद आई होगी मैंने आपको बहुत ही ज्यादा सरल भाषा में यूरी गागरिन की कहानी बताई है इसीलिए इस पोस्ट को अपने दोस्तों से शेयर जरुर करे |
मैं विकास राजपूत आपका अपनी वेबसाइट पर स्वागत करता हूं यहां पर आपको मैं काफी ज्यादा बेहतरीन और यूनिक कंटेंट देने की कोशिश करता हूं क्योंकि मैं जिस विषय पर लिखता हूं उसकी मैं पहले बहुत ज्यादा रिसर्च करता हूं उसके बाद ही लिखता हूं इसीलिए आप मुझ पर आँख बंद करके विश्वस कर सकते है |
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