भूतिया सड़क की कहानी: Real Horror Road Story In Hindi

दोस्तों आज मैं आपके लिए एक ऐसी भूतिया कहानी लेकर आया हूं जिसे सुनने के बाद आपकी रूह भी कांप जाएगी ये कहानी ऐसे चार दोस्तों की है जो की अंधविश्वासों से परे एक ऐसी सड़क पर सफर करने के लिए निकल जाते हैं जहां पर हमेशा से ही भूत प्रेत होने का दावा किया जाता है लेकिन उस सड़क पर ये चारों दोस्त जाते तो एक साथ हैं लेकिन उनमें से केवल एक ही दोस्त जीवित बच पाता है लेकिन आखिरकार उन तीन दोस्तों के साथ क्या हुआ था चलिए जानते हैं आज की इस भूतिया कहानी में तो राम-राम दोस्तों मैं हूं विकास राजपूत |

भूतिया सड़क की कहानी

दोस्तों यह बात है साल 2023 के दिसंबर महीने की साल 2023 के दिसंबर महीने में जब कड़कड़ा की की ठंड पड़ रही थी तभी चार दोस्त रवि,अमित,सोनू और विकास ये चारों मेहरानगढ़ जाने के लिए और वहां पर घूमने के लिए घर से निकलते हैं….. |

चारों दोस्त अपनी कार में काफी ज्यादा मजे लेते हुए अपने सफ़र की तरफ आगे बढ़ जाते हैं, उस समय कार सोनू चल रहा था और आगे बढ़ते-बढ़ते इन्हें शाम हो जाती है।

उधर दूसरी तरफ सूरज भी पश्चिम दिशा में अस्त हो चुका था, अभी उनकी गाड़ी जल्दी से मेहरानगढ़ की ओर जाने वाली गोचर वाली सड़क पर तेजी से बढ़ती जा रही थी ।

क्योंकि उन्हें पता था कि इस गोचर वाली रोड के बीच में उन्हें कहीं भी होटल मिलने वाला नहीं है, उन्हें मेहरानगढ़ जाकर ही होटल मिलेगा इसीलिए वो अपनी गाड़ी की स्पीड और बढ़ा देते हैं |

लेकिन वो एक पुलिया के किनारे पर एक बोर्ड पर जो लिखा था वह पढ़ कर अचानक ही रुक जाते हैं….?

क्योकि उस पूल के उपर एक बोर्ड पर लिखा हुआ देखा कि , इस सड़क पर रात के दौरान सफल न करें ।

तभी तुरंत सोनू ने गाड़ी के ब्रेक लगा दिए।

और वो चारों दोस्त अचंभे में पड़ गए कि आखिरकार इस सड़क पर ऐसा क्या है कि यहां पर रात को सफल करने की मनाई है।

और चारों दोस्त गाड़ी से उतरते हैं और उस रास्ते पर थोड़े आगे की ओर बढ़ते हैं पैदल ही….|

और कुछ दूर आगे बढ़ने से उन्हें अपनी और तीन लोग जल्दी-जल्दी आते हुई दिखाई देते हैं और वो लोग उन्हें बोलते हैं…. की भाई इतनी शाम को इस सड़क पर तुम कहां जा रहे हो….?

क्या तुम्हें पता नहीं है कि इस सड़क पर भूत प्रेत रहते हैं इसीलिए रात को यहां पर जाना माना है।

जैसे ही चारों दोस्तों ने यह बात सुनी तब उनके पैरों के नीचे से जमीन निकल गई ।

और चारों दोस्त फिर से वापस अपनी कार के पास आए गए और सोचने लगे कि आगे हमें क्या करना है सोनू बोलता है …?

सोनू” भाई आगे कुछ भी नहीं है, यह भूत प्रेत कुछ भी नहीं होते हैं चलो हम आगे चलते हैं हमें जल्दी होटल पहुंचना है।

दो दोस्त” हां भाई सोनू , तुम सही कह रहे हो आगे कुछ भी नहीं है भूत प्रेत कुछ भी नहीं होता है चलो हम आगे बढ़ते हैं और देखेंगे क्या होता है।

विकास” डरा हुआ बोलता है नहीं भाई नहीं आगे अगर कोई सच में भूत हुआ तो, नहीं हमें यहां से वापस लौट जाना चाहिए..|

हा. हा. हा. विकास की बात सुनकर तीनों दोस्त हंसते हैं

लेकिन तीनों दोस्तों ने विकास की एक भी नहीं सुनी और वह आगे जाने के लिए गाड़ी के अंदर बैठ जाते हैं।

और विकास को भी जबरदस्ती अपनी गाड़ी में बिठा लेते हैं और गाड़ी की स्पीड तेज रखते हुए तुरंत उस सुनसान सड़क को पार करने लगते हैं।

गाड़ी अपनी फुल स्पीड में सुनसान रास्ते की तरफ दौड़ रही थी, और विकास के मन में एक अजीब सा डर पैदा होता जा रहा था ।

और दूसरी तरफ धीरे-धीरे अंधेरा भी बढ़ता जा रहा था और सड़क पहले से ज्यादा सुनसान होती जा रही थी, और जंगली जानवरों के चिल्लाने की आवाज उनके डर को और भी ज्यादा बढ़ा रही थी…|

अभी भी विकास बोल रहा था भाई मेरी बात मानो वापस चलो ।

लेकिन तीनों दोस्त विकास का मजाक उड़ाते हुए मजाक में आगे बढ़ते जा रहे थे, लेकिन उस समय उन्हें अपनी कार की स्पीड को कम करनी पड़ी…?

क्योंकि यह सड़क एक ऐसी टूटी-फूटी सड़क थी,जहां पर कार की स्पीड ज्यादा रख पाना संभव नहीं था।

और ऐसे ही चारों दोस्त अपने सफ़र पर आगे बढ़ते ही जा रहे थे, कि अचानक ही गाड़ी एक सुनसान जंगल में जाकर बंद हो जाती है।

सोनू ने गाड़ी को स्टार्ट करने की कोशिश की लेकिन गाड़ी स्टार्ट नहीं हो रही थी… इसके बाद चारों दोस्त नीचे उतरे लेकिन फिर भी गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई,इसके बाद विकास ने कहा- कि चलो गाड़ी के अंदर बैठो और भगवान का नाम लो वरना भूत आएगा।

तीनों दोस्त” हंसते हुए बोलते हैं यार विकास तू डरता बहुत है तू गाड़ी में बैठजा चुपचाप हम आगे देख कर आते हैं, कोई मैकेनिक है या नहीं ।

विकास” नहीं मैं भी तुम्हारे साथ चलूंगा और वह गाड़ी के अंदर जो हनुमान जी की मूर्ति लगी हुई थी, वो अपने साथ लेकर तीनों दोस्तों के साथ चल देता है ये देखकर तीनों दोस्त उसका और भी ज्यादा मजाक उड़ाते हैं… “डरपोक विकास”

लेकिन जैसे ही चारों दोस्त आगे बढ़े तो उनके सामने काली बिल्ली आ गई यह देखकर विकास डर के मारे चिल्लाने लगा….|

तीनों दोस्त” गुस्से में तुम खुद तो डर रहे हो हमें भी ही डरा रहे हो, जाओ तुम वापस गाड़ी में चले जाओ।

विकास” सॉरी सॉरी।

चार दोस्त फिर से आगे की तरफ बढ़ते हैं तभी उन्हें एक पायल की आवाज सुनाई देती है छम छम…|

सोनू” ये तो किसी लड़की की आवाज है तुरंत उसी दिशा में दोड़ पड़ता है।

तीनों दोस्त” उसे रोकने की कोशिश करते हैं लेकिन वह नहीं रुकता है |

सोनू” मैं 1 मिनट में वापस आ रहा हूं शायद कोई लड़की है, जो की मुसीबत में है मुझे बुला रही है तुम आवाज सुनो शायद वह कोई बड़ी मुसीबत में है और वह तुरंत उसी दिशा की तरफ दोड़ पड़ता है काफी तेज कदमों में….!

लेकिन सोनू काफी देर तक भी वापस लौट कर नहीं आता है जिससे कि विकास को और भी ज्यादा घबराहट होने लगती है, और वह बोलता है कि हमें वापस लौट जाना चाहिए शायद सोनू को किसी भूत ने पकड़ लिया है यह बात सुनकर….।

तीनों दोस्त” हा.हा. हा. हा.

अमित” हां मुझे ऐसा लगता है कि शायद विकास सही बोल रहा है, मुझे भी लगता है शायद सोनू किसी मुसीबत में हो सकता है…? मैं अभी देख कर आता हूं अगर कोई खतरा हुआ तो मैं तुम्हें आवाज दूंगा…|

दोनों दोस्त” ठीक है तुम जल्दी जाओ |

लेकिन काफी देर बीत जाती है ना तो अमित दोबारा लौट के आता है ना ही सोनू… जिसके बाद तो विकास और भी ज्यादा घबरा गया और वह जोर-जोर से हनुमान चालीसा पढ़ने लगा इसके बाद….|

रवि” तू डरता बहुत है यार, विकास देख मैं अभी दोनों को पकड़कर लाता हूं विकास ने उसे रोकने का प्रयास किया लेकिन फिर भी वह वहां से चला गया।

विकाश काफी देर तक उन तीनों की प्रतीक्षा करता रहा लेकिन ना तो तीनों दोस्त उस दिशा से वापस लौटे और ना ही उसने कोई चिल्लाने की आवाज सुनाई दी, बल्कि वापस उस पाजेब की आवाज और ज्यादा बढ़ती हुई सुनाई दे रही थी इसके बाद विकास जोर-जोर से हनुमान चालीसा गाने लगा…|

और वह इस दिशा की तरफ अपने दबे हुए कदमों से बढ़ने लगा जैसे-जैसे वह आगे बढ़ता जा रहा था पाजेब की आवाज और भी ज्यादा बढ़ती जा रही थी…|

और अंत में वह एक ऐसी झोपड़ी के पास पहुंच जाता है जहां पर आसपास कोई भी नहीं था और वहीं पर उसे अपने तीनों दोस्त बेहोश पड़े हुए मिलते हैं,जिन्हें वह तुरंत उठाता है।

तीनों दोस्त जल्दी से उठते हैं अरे वह सफेद साड़ी वाली लड़की कहां गई और इतने में वह पायल की आवाज भी बंद हो जाती है, हालांकि विकास अभी भी हनुमान चालीसा पढ़ रहा था।

इसके बाद विकास तीनों दोस्तों को वापस धीरे-धीरे गाड़ी के पास ले आता है।

विकास” तुम तीनों को क्या हो गया था,तुम बेहोश कैसे हो गए।

तीनों दोस्त” हमें उस झोपड़ी के अंदर एक सफेद साड़ी में काफी खूबसूरत लड़की नाचती हुई नजर आई जिसके पास जैसे ही हम पहुंचे तो उसका चेहरा एक खूंखार भूतनी में बदल गया… और उसके अंदर से काफी सारी बदबू आने लगी जिसे देखकर हम बेहोश हो गए लेकिन तीनों ने पूछा तुम वहां से सही सलामत कैसे लौट आए।

विकास” शायद तुम तीनों यह बात भूल रहे हो कि मैं बालाजी का परम भक्त हूं और मैंने हनुमान जी की प्रतिमा भी अपने हाथों में ले रखी थी, इसीलिए शायद उस भूतनी का जादू मुझ पर नहीं चला और मैं हनुमान चालीसा बोल रहा था इसीलिए शायद मेरे साथ तुम्हारी भी जान बच गई।

तीनों दोस्त” विकास हमें माफ कर देना हमने तुम्हारा मजाक उड़ाया और वह तीनों बालाजी का भी धन्यवाद करते हैं।

और चारों दोस्त साथ में हनुमान चालीसा बोलते रहते हैं और पूरी रात भर उसी गाड़ी के अंदर बैठे रहते हैं हनुमान जी का नाम लेते हुए हालांकि उन्होंने अपने आसपास भयंकर डरावनी आवाजे सुनी लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं हुआ और ऐसे…|

सूरज अंधकार को समाप्त करते हुए फिर से ऊजाली बिखेरने लगा..|

इसके बाद जैसे ही उन्होंने अपनी कार स्टार्ट करने की कोशिश की तो, कार अपने आप ही दोबारा स्टार्ट हो गई और चारों दोस्त मेहरानगढ़ की तरफ जाने के बजाए दुबारा अपने घर लोट आते है…|

और घरवालों को अपने साथ हुई सारी घटना बताते हैं इसके बाद उनके घरवाले बताते हैं कि यह तो शुक्र है, कि भगवान बालाजी ने तुम्हारी जान बचा ली वरना उस रास्ते पर रात को जाने वाला कोई भी व्यक्ति जीवित नहीं बचता है क्योंकि वह भूतनी उनका खून पी लेती है….|

हालांकि दोस्तों आज ये सभी दोस्त खुशी-खुशी अपनी जिंदगी बिता रहे है लेकिन सोनू आज भी उसे दृश्य को नहीं भुला पाया है और आज भी वह डर के साए में जीता है।

और जैसे ही सोनू आंखें बंद करता है तो उसके सामने उस चुड़ैल का चेहरा आ जाता है….|

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निष्कर्ष

खैर दोस्तों मैं आसा करता हूं कि आपको ये मजेदार Real Horror Road Story In Hindi जरूर पसंद आई होगी अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करना |

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