आदित्य L1 मिशन क्या है: अब चाँद के बाद सुर्य की बारी

भारत के चंद्रयान 3 की चर्चा आज केवल भारत में ही नहीं बल्कि विदेश में भी हो रही है और अब रूस और अमेरिका की स्पेस एजेंसी भारत के साथ मिलकर काम करना चाहती है और रूस ने तो भारत को ऑफर भी दे दिया है की वह रूस के साथ मिलकर कम करें और हम दोनों मिलकर अपना खुद का एक स्पेस स्टेशन तैयार करेंगे लेकिन अब भारत केवल चाँद तक ही सिमित नही रहने वाला है बल्कि अब भारत सूरज पर भी जाने वाला है और अब सितम्बर में ही भारत अपना पहला सूर्ये मिशन आदित्य L-1 लोंच करने वाला है |

तो चलिए आज की इस पोस्ट में जानते है भारत का आदित्य L-1 मिशन क्या है और कैसे पूरा होगा भारत का आदित्य L-1 मिशन और भारत अब सूरज पर क्यों जाना चाहता है |

भारत का आदित्य L-1 मिशन

दोस्तों ये मिशन आज का मिशन नहीं है बल्कि यह मिशन साल 2019-20 में लॉन्च होना था लेकिन कम बजट और कोरोना महामारी के चलते इस मिशन को खिसका दिया गया पहले इस मिशन का नाम आदित्य था लेकिन अब इस मिशन का नाम बादल आदित्य L-1 रख दिया गया है जिसका एरिया 400 वर्ग किलोमीटर बड़ा दिया गया है और अब इसरो इस मिशन को 2 सितम्बर 2023 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया जाएगा |

आदित्य L-1 उपग्रह की खास बाते और L-1 पॉइंट क्या है ?

दोस्तों आदित्य L-1 एक सोलर उपग्रह है जिसे सूर्य और पृथ्वी L-1  पॉइंट पर स्थापित किया जाएगा जो की पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी की दूरी है आदित्य L-1 इस कक्षा में रहकर सूर्य का अवलोकन करेगा और सूर्य की अनंत ऊर्जा के रहस्य का पता लगाएगा.

इसरो ने इस आदित्य L-1 उपग्रह को अपने 15 सालों के कठिन प्रयास के बाद तैयार किया है और आदित्य L-1 उपग्रह को पृथ्वी और सूर्य के बीच पॉइंट पर स्थापित किया जाएगा क्योंकि पृथ्वी का L-1  पॉइंट वह बिंदु है जहां पर कोई भी उपग्रह पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण महसूस नहीं कर सकता है यहां पर शुन्य की स्थिति होती है यहां पर कोई भी कण ना तो प्रतिकर्षण महसूस कर सकता है और ना ही आकर्षण महसूस कर सकता है.

जिससे की उपग्रह कम ऊर्जा की खपत में भी हमेशा सूर्य के चारों और चक्कर लगा सकता है और L-1  पॉइंट पर सूर्य हमेशा दिखाई देता है यानी की L-1 पॉइंट पर कभी सूर्य ग्रहण नहीं होता है जिससे की उपग्रह हमेशा सूर्य की एनर्जी का अध्ययन कर सकता है |

और भारत का यह आदित्य L-1 मिशन सूर्य की सबसे ऊपरी परत कोरोना के पास स्थापित किया जाएगा यह परत सूर्य के सबसे ज्यादा गर्म परत होती है जिसका तापमान 6,000 केल्विन होता है |

आदित्य L-1 उपग्रह L-1 पॉइंट पर करेगा इन चीजों का अध्धयन

  • दोस्तों आदित्य L-1 उपग्रह सूर्य की कोरोना परत का अध्ययन तो करें ही गा लेकिन इसके अलावा सूर्य के वातावरण और कोरोना मास इंजेक्शन तथा शोर तूफानों और सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र का भी अध्ययन करेगा इसके आलावा आदित्य L-1 उपग्रह सौर ऊपरी वायुमंडलीय (क्रोमोस्फीयर और कोरोना) गतिशीलता और कोरोनल और कोरोनल लूप प्लाज्मा का निदान तापमान, वेग और घनत्व का अध्ययन भी करेगा |

आदित्य L1 मिशन क्या है: अब चाँद के बाद सुर्य की बारी

क्यों है इनता मुश्किल आदित्य L-1 मिशन

हालांकि दोस्तों भारत के लिए अपना आदित्य L-1 मिशन को पूरा करना इतना ज्यादा आसन नहीं होगा क्योंकि भारत सूर्य की जिस परत का अध्ययन करना चाहता है वह पूरा सूर्य की सबसे ज्यादा गर्म परत है और जो की सूर्य की सबसे ऊपरी परत है जिसका तापमान 6,000 केल्विन से भी ज्यादा होता है जो हमेशा आग उगलती रहती है क्योंकि इस परत पर कभी सूर्य ग्रहण नहीं होता है |

रिपोर्ट्स के अनुसार भारत अपना आदित्य L-1 मिशन सितम्बर में लॉन्च कर सकता है जो की भारत का पहला सूर्य मिशन होने वाला है और अगर भारत का आदित्य एल्बम मिशन सक्सेसफुल हो जाता है तो भारत अमेरिका यूरोप और जापान के बात चौथ देश बन जाएगा जो की सूर्य के इतना नजदीक पहुंचेगा |

आदित्य L-1 मिशन का बजट

साल 2016 और 17 में आदित्य L-1 मिशन के लिए तीन करोड़ रुपए का बजट पास हुआ था लेकिन इसके बाद आदित्य एल्बम मिशन के एरिया को और भी ज्यादा बड़ा दिया गया जिसके बाद इस मिशन के लिए भारत सरकार ने 378.53 करोड़ रूपये  का बजट आवंटित किया था हालांकि इसमें लॉन्चिंग लागत शामिल नहीं है |

आदित्य L-1 उपग्रह L-1 पॉइंट पर कितने दिनों में पहुचेगा

दोस्तों भारत का यह आदित्य L-1 मिशन अपने  L-1 पॉइंट पर 109 से 120 दिनों  के बाद पहुंचेगा और L-1 पहुंचने के बाद ये है उपग्रह सूर्य की अनंत ऊर्जा का अध्ययन करेगा और सूर्य के बहुत सारे फोटोग्राफ्स और सूर्य की पल-पल की जानकारी हमें लाकर देगा |

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FAQ

Ques: 1 आदित्य L1 कितनी दूरी तय कर चुका है?

Ans: इसरो ने जानकारी देते हुए कहा की हमारा आदित्य L1 मिशन अब तक 9.2 लाख किमी. से भी ज्यादा दुरी तय कर चूका है |

Ques: 2 आदित्य L1 मिशन क्या है in Hindi?

Ans: दोस्तों इस आदित्य L1 मिशन 2 सितम्बर 2023 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया गया था जो की एक उपग्रह है जो धरती और सूरज के बिच L1 बिंदु पर स्थापित होगा |

Ques: 3 आदित्य एल1 मिशन का क्या हुआ?

Ans: आदित्य L1 एक उपग्रह है जो धरती और सूरज के बिच L1 बिंदु पर स्थापित होगा जिसे 2 सितम्बर 2023 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लांच किया जिसे इसरों ने 15 सालों के कठिन प्रयास के बाद तैयार किया है |

Ques: 4 आदित्य L1 मिशन की अवधि कितनी है?

Ans: आदित्य L1 मिशन को 2 सितम्बर 2023 को लोंच किया गया था जो की 4 महीनो का सफर तय करके धरती और सूरज के बिच L1 बिंदु पर पहुचेगा |

निष्कर्ष

दोस्तों मैं आशा करता हूँ की आपको ये आदित्य L1 मिशन के बारे में जानकारी जरुर पसंद आई होगी मैंने आपको बड़ी ही सरल भाषा में आदित्य L1 मिशन के बारे में बताया है की आदित्य L1 मिशन क्या है और ये कब और कैसे लोंच होगा इस मिशन का लक्ष्य क्या है इसलिए प्लीज इस पोस्ट को अपने दोस्तों से शेयर जरुर करे |

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