दोस्तों आपके मन में भी कभी ना कभी मेरी तरह यह सवाल तो जरूर आया होगा कि मटके में कैसे बिना लाइट और बिना किसी गैस के इतनी जल्दी पानी ठंडा हो जाता है और जब ज्यादा गर्मी पड़ती है तब मटके में ज्यादा पानी ठंडा होता है लेकिन यह कैसे संभव है और अक्सर अपने लोगों को यह कहते हुए भी सुना होगा की फ्रिज के पानी से ज्यादा शुद्ध मटके का पानी होता है और इससे बीमारियां भी कम होती हैं तो चलिए दोस्तों आज के इस मजेदार पोस्ट में जानते हैं आपके इन्हीं सभी सवालों के जवाब और देखते हैं कि मटके में पानी आखिरकार ठंडा कैसे होता है तो राम राम दोस्तों में हू विकाश राजपूत |
मटके में पानी कैसे ठंडा होता है
दोस्तों जब भी आप गर्मियों के दिनों में बाजार से कोई भी मटका लेकर आते हैं और उसमें पानी डालते हैं तो उसमें पानी कुछ देर के बाद बिल्कुल फ्रिज की तरह ही ठंडा हो जाता है पर कैसे दो दोस्तों मटकी के अंदर का पानी ठंडा होने के पीछे निम्न कारण है:-
मटके की दीवार छिद्रदर होना
दोस्तों ऐसा इसीलिए हो पता है क्योंकि जब मटके को बनाया जाता है तब मटके की सभी दीवारों पर छोटे-छोटे महीन छिद्र रह जाते हैं और यह छिद्र इतनी ज्यादा महीन होते हैं कि नॉर्मल आंखों से दिखाई तक भी नहीं देते हैं और दोस्तों इन छिद्रों से पानी का रिसाव तो नहीं होता है लेकिन हवा का आदान-प्रदान जरुर हो जाता है जिससे कि इन्हीं महीन छिद्रों से मटके के अंदर की तरफ हवा बाहर निकल जाती है और इन छिद्रों से दोबारा मटके के अंदर ठंडी हवा चली जाती है.
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जिससे कि पानी काफी जल्दी ठंडा हो जाता है दोस्तों यह पूरी प्रक्रिया उसी प्रक्रिया के समान है जैसा कि हम रसोई घर में पंखा लगाते हैं जो गर्म हवा को बाहर भागता है और ठंडी हवा को अंदर लाता है और मटके के साथ भी दोस्तों ऐसा ही होता है |
वाष्पीकरण
दोस्तों मटके के अंदर का पानी ठंडा होने का एक सबसे बड़ा कारण वाष्पीकरण भी है दोस्तों वाष्पीकरण की प्रक्रिया के दौरान मटके के अंदर की गर्म वाष्प ऊष्मा के रूप में बदलकर उड़ जाती है और मटके के अंदर बिल्कुल ठंडी वाष्प बचती है जिससे मटके का पानी काफी हद तक ठंडा हो जाता है.
यानी कि दोस्तों वाष्पीकरण की प्रक्रिया के दौरान मटके की सतह पर उपस्थित सारा पानी वायुमंडल में वाष्पित हो जाता है हालांकि इस प्रक्रिया में ऊष्मा की जरूरत पड़ती है और यह ऊर्जा मटके में उपस्थित गर्म ऊर्जा से ली जाती है और गर्म ऊर्जा वाष्पीकरण की प्रक्रिया के दौरान पूरी तरह से बाहर निकल जाती है और मटके के अंदर केवल ठंडी ऊष्मा बचती है जो की पानी को बिल्कुल ठंडा कर देती है फ्रिज की तरह |
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अन्य कारण
दोस्तों ऐसा नहीं है कि यही केवल दो कारण है जिनकी वजह से मटके के अंदर का पानी ठंडा होता है इसके अलावा दोस्तों मटके की क्वालिटी और गुणवत्ता पर भी मटके के पानी का ठंडा होना निर्भर करता है जो मटका जितनी ज्यादा गुणवत्तापूर्ण बनाया जाता है वह उतना ही ज्यादा पानी को ठंडा करता है.
यानी की पानी को ठंडा करने के पीछे वाष्पीकरण की प्रक्रिया के साथ-साथ मटके की गुणवत्ता भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और दोस्तों जिस मटके में जितना कम पानी होता है वह उतना ही ज्यादा जल्दी पानी ठंडा करता है |
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FAQ
Ques: 1 गर्मियों के दिनों में पानी ज्यादा ठंडा क्यों होता है ?
Ans: दोस्तों अपने अक्सर सुना होगा कि गर्मियों के दिनों में मटकी का पानी काफी जल्दी ठंडा हो जाता है हालांकि यहां पर मैं केवल नए मटके की बात कर रहा हूं पुराने मटके की बात नहीं कर रहा हूं तो दोस्तों ऐसा इसीलिए हो पता है क्योंकि विज्ञान के हिसाब से जो वातावरण जितना अधिक गर्म और शुष्क होता है उस वातावरण में उतनी ही ज्यादा तेजी से वाष्पीकरण की प्रक्रिया होती है और जितनी ज्यादा वाष्पीकरण की प्रक्रिया होती है पानी उतना ही ज्यादा ठंडा होता है इसीलिए गर्मियों के दिनों में ज्यादा गर्मी होने से पानी काफी जल्दी वाष्पीकृत हो जाता है और ठंडा हो जाता है
Ques: 2 घडे का पानी ठंडा कैसे होता है ?
Ans: दोस्तों मिट्टी के मटके की दीवारें छिद्रदर होती हैं जिसमें महीन-महीन छिद्र होते हैं और इन छिद्र से पानी तो बाहर नहीं निकल पाता है लेकिन हवा का आदान-प्रदान जरूर होता है और इसी हवा के आदान-प्रदान से गर्म हवा निकल जाती है और मटके के अंदर केवल ठंडी हवा बचती है जो की पानी को ठंडा करती है |
Ques: 3 मटके का पानी ठंडा क्यों हो जाता है ?
Ans: दोस्तों मटके के पानी के ठंडा होने के पीछे वाष्पीकरण की प्रक्रिया काम करती है दरअसल मटके के अंदर की गर्म हवा वाष्प बनकर उड़ जाती है और मटके के अंदर केवल ठंडी हवा बचती है जो की पानी को ठंडा रखती है |
Ques: 4 गर्मी के दिनों में मटके में रखा पानी ठंडा कैसे होता है ?
Ans: दोस्तों गर्मी के दिनों में मटके के अंदर रखा पानी काफी तेजी से ठंडा हो जाता है क्योंकि गर्मी ज्यादा पढ़ने से मटके के अंदर की गर्म हवा बाष्प बस बनकर उड़ जाती है और मटके के अंदर ठंडी हवा बचती है जिससे कि पानी काफी तेजी से ठंडा हो जाता है |
निष्कर्ष
खैर दोस्तों मैं आशा करता हूं कि आपको यह मजेदार जानकारी जरूर पसंद आई मैंने आपको इस पोस्ट के अंदर बड़ी ही सरल और आसान भाषा में कारण सहित यह बताया है की मटकी के अंदर का पानी ठंडा कैसे और क्यों होता है इसीलिए अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों से शेयर जरूर करें |
मैं विकास राजपूत आपका अपनी वेबसाइट पर स्वागत करता हूं यहां पर आपको मैं काफी ज्यादा बेहतरीन और यूनिक कंटेंट देने की कोशिश करता हूं क्योंकि मैं जिस विषय पर लिखता हूं उसकी मैं पहले बहुत ज्यादा रिसर्च करता हूं उसके बाद ही लिखता हूं इसीलिए आप मुझ पर आँख बंद करके विश्वस कर सकते है |
1 thought on “घड़े का पानी ठंडा कैसे होता है: गर्मी के दिनों में मटका का पानी ठंडा क्यों होता हैं?”