दोस्तों हमारे हिंदू धर्म में शिवजी को भूतों का देवता बोला गया है और इसी वजह से शिवजी का दूसरा नाम भूतनाथ भी है क्योंकि शिव जी के रहने का तरीका बहुत ही ज्यादा अजीब है और डरावना है क्योंकि शिवाजी शमशानों में रहते हैं और मृतक लोगों की लाशों की राख से नहाते हैं और उसे अपने शरीर पर भी लगते हैं लेकिन दोस्तों क्या किसी शिव मंदिर के अंदर भी भूत पिशाच हो सकता है दोस्तों ये बात आपको सुनने में बहुत ज्यादा अजीब और डरावनी लग रही होगी लेकिन आज मैं आपके लिए जो स्टोरी लेकर आया हूं वो आपकी सोच से कहीं ज्यादा डरावनी और भयानक है |
शिव मंदिर की भूतिया स्टोरी
चार दोस्तों की दोस्ती
दोस्तों हमारी इस स्टोरी की शुरुआत होती है आज से करीब 6 साल पहले से जब राहुल,कारण,अमित और दीपाली नाम के यह चार दोस्त हुआ करते थे और ये दोस्त एक साथ रहने के साथ-साथ अच्छे पड़ोसी भी हुआ करते थे और ये सभी साथ-साथ पढ़ाई करते थे और हॉस्टल में रहा करते थे इनमें से राहुल,करण और अमित को फोटो क्लिक करने का शौक था वही दीपाली को जो की बहुत सुंदर लड़की थी उसे फोटो क्लिक करवाने का शौक था.
ये सभी दोस्त साथ-साथ रहा करते थे और साथ-साथ ही खाया पिया भी करते थे और ये स्कूल और कॉलेज में कभी भी अपने ग्रुप के अलावा और किसी से बात नहीं क्या करते थे लेकिन इनके अलावा इनका एक और दोस्त था जो कि हमेशा डर के साए में जीत रहता था।
कौन था वो पांचवा दोस्त
दोस्तों इन चारों के अलावा इनका एक पांचवा दोस्त भी था जो कि इन सबसे काफी ज्यादा अलग दुबला पतला और हमेशा डर के साए में रहने वाला था और उस दोस्त का नाम था बंटी और ये सभी साथ-साथ ही पढ़ा करते थे और साथ-साथ ही रहते थे और इन सभी दोस्तों ने साथ में ही स्कूल पुरी की थी और साथ में ही कॉलेज पुरी की थी लेकिन कॉलेज पूरी होने के बाद ये दोस्त बिछड़ जाते हैं और अलग-अलग शहरों में जाकर नौकरी करने लगते हैं लेकिन तभी वह घटना घटती है जिसे सुनकर आपके रूह भी काँप जाएगी |
बंटी की शादी फिक्स हो जाती है
दोस्तों जब सब कुछ सही चल रहा था और सभी दोस्त अपने-अपने कामों में व्यस्त रहने लगी तभी उनका एक दोस्त जो कि हमेशा डर के साए में रहता था बंटी उसकी शादी तय हो जाती है और वह अपने सभी दोस्तों को अपने गांव धोलपुर से सभी दोस्तों को इनवाइट करता है और बोलता है कि मेरी शादी फिक्स हो गई है तुम्हें मेरी शादी में आना होगा और ये सभी भी पक्के दोस्त थे इसीलिए दोस्त की शादी में जाना तो बनता था।
चारों दोस्त पहुंचे धोलपुर गांव
दोस्तों जब इन चारों दोस्तों को पता चला कि उनके दोस्त की शादी है तब ये चारों दोस्त पांचवें दोस्त बंटी के गांव में उसकी शादी के फंक्शंस को अटेंड करने के लिए पहुंचते हैं क्योंकि ये बहुत ज्यादा खास दोस्त थे इसीलिए शादी में आना तो बनता था लेकिन जब ये इस गांव में पहुंचे तब वो इस गांव को देखकर काफी ज्यादा हैरान हो गये क्योंकि उन्होंने देखा कि इस गांव में काफी ज्यादा सन्नाटा है और बहुत से अजीबोगरीब जगह भी है.
और बहुत से लोग हमेशा डर के साए में रहते हैं इसीलिए वह चारों दोस्त डिसीजन लेते हैं की जब शादी का फंक्शन खत्म हो जाएगा उसके कुछ दिनों बाद तक वो इस गांव में रहेंगे और और इस गांव में घूमेंगे और इस गांव में इंजॉय करेंगे और दोस्तों कुछ दिन बीते हैं और वो दिन भी आ ही गया जिस दिन का इन दोस्तों को काफी ज्यादा बेसब्री से इंतजार था।
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आ गया दोस्त की शादी वाला दिन
दोस्तों आखिरकार आज वों दिन आ ही गया जब इन चारों दोस्तों के दोस्त की शादी थी और ये चारों ही दोस्त अपने दोस्त की शादी में काफी ज्यादा मजे करते हैं नाचते हैं कूदते हैं और जब सब कुछ समाप्त हो जाता है तब ये चारों दोस्त खाने के लिए बैठ जाते हैं और खाना-वाना खाकर जब ये एक जगह बैठे बैठे बोर होने लगे तब ये सभी दोस्त एक गेम खेलने लगे ट्रुथ और डेयर और इस गेम को खेलते खेलते इनकी आपस में कुछ पुरानी बातें चलती हैं.
क्योंकि ये दोस्त काफी दिनों के बाद मिले थे इसीलिए आपस में बात करने लगते हैं लेकिन बातचीत के दौरान ही इन दोस्तों के बीच भूतों की बात चलने लग जाती है और तभी दीपाली बोलती है कि करण पहले भूतों के नाम से कितना ज्यादा डरता था इसकी पेंट ही गीली हो जाया करती थी भूत का नाम सुनकर और इस बात पर सभी दोस्त मिलकर करण का काफी ज्यादा मजाक उड़ाते हैं.
लेकिन अपना मजाक उड़ते हुए करण को काफी ज्यादा गुस्सा आ जाता है और वो बोलता है कि अब वो गए अब मैं किसी भी भूत प्रेत से नहीं डरता हूं लेकिन तब ये बात सुनकर दीपाली ने कुछ ऐसा बोल दिया जिसकी वजह से हमारी यह स्टोरी और भी ज्यादा डरावनी और भूतिया बन गई |
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दीपाली ने दिया करण को चैलेंज
दोस्तों जब करण ने कहा कि मैं किसी भूत प्रेत से नहीं डरता हूं तब ये बात सुनकर दीपाली ने करण को चैलेंज दे दिया कि अगर तू भूत प्रेत से नहीं डरता है तो इस गांव की सबसे भूतिया जगह पर जा और वहां की फोटो खींचकर हमें लाकर दिखा तब हम माने की तुम भुतों से नही डरते हो और ये बात सुनकर और अपने आप को साबित करने के लिए करण भी दीपाली की बात को मान लेता है.
और चैलेंज एक्सेप्ट कर लेता है और वो सभी अपने पास एक वेटर को बुलाते हैं और उससे इस गांव की सबसे भूतिया जगह के बारे में जानकारी हासिल करते हैं जो कि उनकी काफी बड़ी गलती थी |
वेटर ने बताई गांव की भूतिया कहानी
दोस्तों जब इन लोगों की आपस में बातचीत और बहस हो रही थी तभी ये लोग अपने पास एक बेटर को बुलाते हैं और उससे कहते हैं कि क्या भैया तुम इसी गांव के हो तब वेटर कहता है हां मैं इसी धोलपुर गांव का हूं तब उनमें से एक दोस्त कहता है तो तुम इस गांव के चपे चपे को जानते होंगे ये सुनकर वो वेटर कहता है हां मैं इस धोलपुर गांव के चपे चपे के बारे में जानता हूं.
तब ये दोस्त बोलते हैं की तब तो तुम ये भी जानते होंगे कि क्या इस गांव में कोई भूतिया जगह है तब वो वेटर कहता है हां इस गांव में एक बहुत ही भूतिया जगह है जहां पर कोई भी नहीं जाता है लेकिन आपको उसके बारे में नहीं जाना चाहिए तभी वेटर की यह बात सुनकर उन चारों दोस्तों को भुतिया बात जानने की काफी ज्यादा इच्छा होने लगी.
क्योंकि उस वेटर ने जिस खौफनाक तरीके से ये बात बताई थी उसे सुनकर उन लोगों को काफी ज्यादा इंटरेस्ट आने लगता है और वो लोग वेटर को काफी ज्यादा फोर्स करते हैं और काफी ज्यादा मिनते करने के बाद वेटर बताता है कि इस गांव में पहले एक बहुत ही बड़ा और खतरनाक पिशाच रहा करता था जो कि लोगों को और उनके बच्चों को खा जाया करता था और एक दिन बहुत से लोगों ने उस पिशाच को पकड़ लिया लेकिन 10-15 लोग भी मिलकर उस पिशाच का मुकाबला नहीं कर पा रहे थे.
तभी इस शिव मंदिर के एक पुजारी को बुलाया गया जिसने उस पिशाच को वश में करने के लिए इस मंदिर के प्रांगण में उस पिशाच को गाड़ने की बात कही और उसने कहा कि अगर शिव मित्रों के उच्चारण के साथ इस पिशाच को पिंजरे में बंद करके मंदिर के प्रांगण में गाढ़ दिया जाएगा तो ये पिशाच मंदिर के प्रांगण से भगवान शिव की शक्तियों की वजह से कभी भी बाहर नही पाएगा.
और लोगों ने भी ऐसा ही किया लोगों ने पुजारी की बात मानकर एक बड़ा लोहे का पिंजरा बनाया और बहुत से लोगों ने उस पिशाच को पड़कर और शिव मन्त्रो के चरणों के साथ उसे शिव मंदिर के परागण में दफन कर दिया और उसके ऊपर एक शिवलिंग रख दी और उस मंदिर को हमेशा हमेशा के लिए बंद कर दिया और बाहर भी एक बोर्ड लगा दिया गया जिसपर लिखा गया कि इस मंदिर में जाना सख्त बना है और पुजारी ने सबसे ये बात भी कही कि अगर इस मंदिर में कोई भी व्यक्ति चला जाएगा तो वो जीवित नहीं बचेगा.
क्योंकि भगवान शिव की शक्तियों की वजह से वह पिशाच तो आजाद नहीं हो पाएगा लेकिन वह इंसान जीवित नहीं बच पायेगा और जो भी इस मंदिर के अंदर जाएगा उसे ये राक्षस नष्ट कर देगा और तभी से आज तक उस मंदिर में कोई भी नहीं गया है और ये मंदिर आज भी सुनसान बड़ा है और ये सब बातें बता कर वेटर तो चला जाता है और वेटर कहता है कि किसी को बताना मत की मैंने आपको ये कुछ बातें बताई है |
चारों दोस्त पहुंचे भूतिया मंदिर में
दोस्तों जब वेटर ने उन दोस्तों को भूतिया कहानी बताई तब उन लोगों को इस बात पर विश्वास नहीं हुआ और वो सभी लोग उस जगह को देखने के लिए काफी ज्यादा इच्छुक हो गये और वो लोग निर्णय लेते हैं कि हम अभी उस जगह पर जाएंगे और देखेंगे कि क्या सच में वहां पर कोई भूत है और वो दोस्त अपने दोस्त जिसकी शादी थी उसे बिना बताए ही उस मंदिर में चले जाते हैं एक डरावने और भूतिया जंगल से होते हुए और वहां पर जाकर वो देखते हैं.
कि इस मंदिर को एक बड़े पत्थर से बंद कर रखा है लेकिन वो दोस्त मिलकर उस बड़े पत्थर को हटा देते हैं लेकिन पत्थर की हटते ही मौसम काफी ज्यादा खराब हो जाता है और उन पर चमगादड़ हमला कर देते हैं लेकिन वो जैसे तैसे करके चमगादड़ो के हमले से बच जाते हैं और मंदिर में प्रवेश करते हैं मंदिर में प्रवेश करते ही उन्हें अजीबोगरीब आवाज सुनाई देती है.
लेकिन फिर भी वो जैसे तैसे करके इधर-उधर भटकते हुए मंदिर के प्रांगण में पहुंच जाते हैं और वो जैसे ही वहा पहुंचे तभी पीछे से उनको दीपाली के चिल्लाने की आवाज आएगी बचाओ बचाओ तब ये सभी लोग काफी ज्यादा घबरा जाते हैं और सभी दीपाली को ढूढ़ने लग जाते है और सभी मिलकर दीपाली को आवाज लगाते है लेकिन दीपाली के ना मिलने पर ये सभी दोस्त सोचते हैं कि दीपाली को अलग-अलग दिशा में ढूंढा जाए.
और अगर जिसको भी दीपाली मिलेगी वो उसे लेकर जिस दरवाजे से हम आए थे उस दरवाजे पर आकर हमें मिलेगा लेकिन जैसे ही सभी दोस्त अलग-अलग दिशा में दीपाली को ढूंढने के लिए गए तभी सभी एक-एक करके गायब होने लगे और लास्ट में केवल बचा करण और करण जब घबराकर अपने सभी दोस्तों को ढूंढते हुए फिर से मंदिर के प्रांगण में पहुंचा तब उसने वंहा जो देखा ये देखकर उसकी हालात ही खराब हो गई और उसकी रूह ही कांप गयी |
करण ने देखा मंदिर के प्रांगण में पिशाच
दोस्तों जैसे ही करण मंदिर के प्रांगण में अपने दोस्तों को ढूंढते हुए पहुंचा तब उसने देखा कि एक बड़ा और खतरनाक पिशाच वहां पर खड़ा है और वह करण पर हमला करने लगता है और उसे खाने की कोशिश करता है लेकिन करण बच जाता है क्योंकि करण बालाजी का बहुत बड़ा भक्त हुआ करता था और वो हमेशा अपने साथ बालाजी की मूर्ति रखा करता था इसी के साथ ही करण ने अपने हाथ में ओम नाम का एक कड़ा भी पहन रखा था.
जिसकी वजह से वह पिशाच करण पर हमला नहीं कर पाया और करण ये देखकर काफी ज्यादा घबरा जाता है और वो घबराहट में अपने दोस्तों को ढूंढने की जगह उस गुफा से तुरंत बाहर निकाल कर भाग जाता है और भागते भागते पहुंच जाता है उस जगह जहां उसके दोस्त की शादी थी और वह अपने दोस्त के घर के गेट के बाहर जाकर बेहोश हो जाता है.
और वहां पर काफी देर पड़े रहने के बाद जब वहां पर किसी व्यक्ति ने करण को देखा तब उन्हें पता चला की ये तो वही दोस्त है जो कि शहर से बंटी की शादी में आए थे और वो लोग उसे तुरंत अस्पताल में ले जाते है जहां पर उसका डॉक्टरो द्वारा इलाज किया गया |
करण ने बताई गांव वालों को पूरी बात
दोस्तों जब करण को गांव के कुछ लोग अस्पताल ले जाते हैं और जब करण को काफी टाइम बाद होश आया तब उसने अपने दोस्त और बाकी लोगों को उसके साथ क्या घटना घटी इस सब बातों के बारे में बताया और ये सब बातें सुनकर गांव वाले भी काफी ज्यादा घबरा गए और गांव वालों में से किसी भी व्यक्ति की हिम्मत नहीं हुई कि वह उस मंदिर के अंदर जाकर उन तीनों दोस्तों का पता लगा सके कि वह कहां है.
और आज तक भी यह रहस्य बना हुआ है कि वो लोग आखिरकार उस गुफा में रहस्यमय तरीके से कहां गायब हो गए और इस घटना के बाद तो गांव वाले उस मंदिर की तरफ मुंह करके भी नहीं सोते हैं क्योंकि उन्हें उस मंदिर के नाम से ही काफी ज्यादा डर लगने लगता है लेकिन दोस्तों इस पूरी घटना के बाद करण भी काफी ज्यादा डर में रहने लगा क्योंकि वह आज तक भी अपने दोस्तों को नहीं बुला पाया है दोस्तों आपको ये पूरी कहानी सुनाने में अजीब लग रही होगी लेकिन दोस्तों ये कहानी केवल एक कहानी ही नही है बल्कि एक सच्ची घटना है।
निष्कर्ष
दोस्तों में आशा करता हूं कि आप कोई मजेदार जानकारी जरूर पसंद आई होगी मैंने आपको इस पोस्ट के अंदर एक सच्ची और भूतिया स्टोरी की बात बताई है इसीलिए अगर आपको ये पोस्ट थोड़ी बहुत भी अच्छी लगी हो तो इस पोस्ट को एक बार अपने दोस्तों से शेयर जरूर करें मैं विकास राजपूत आपसे आज की इस स्टोरी में विदा लेता हूं मिलता हूं आपसे बहुत ही जल्द दूसरी स्टोरी में |
मैं विकास राजपूत आपका अपनी वेबसाइट पर स्वागत करता हूं यहां पर आपको मैं काफी ज्यादा बेहतरीन और यूनिक कंटेंट देने की कोशिश करता हूं क्योंकि मैं जिस विषय पर लिखता हूं उसकी मैं पहले बहुत ज्यादा रिसर्च करता हूं उसके बाद ही लिखता हूं इसीलिए आप मुझ पर आँख बंद करके विश्वस कर सकते है |
4 thoughts on “शिव मंदिर की भूतिया स्टोरी: भुत प्रेतों का मंदिर जहां जाने का मतलब अपनी मौत को दावत देना है”